Lucknow University: PG डिप्लोमा कोर्स की एडमिशन प्रक्रिया में हुआ बड़ा बदलाव, अब प्रवेश के लिए देनी होगी परीक्षा, जानिए क्या हुए Changes
लखनऊ विश्वविद्यालय में अब डिप्लोमा कोर्सों में भी प्रवेश परीक्षा से दाखिले होंगे। अभी तक स्नातक के अंकों के आधार पर मेरिट तैयार कर प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जाती थी। विश्वविद्यालय के निर्णय के बाद अब एडमिशन सेल इसके लिए आवेदन फार्म जारी करने की तैयारी में है।
लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विश्वविद्यालय ने परास्नातक डिप्लोमा कोर्सों में दाखिले की प्रक्रिया में बदलाव किया है। अब डिप्लोमा कोर्सों में भी प्रवेश परीक्षा से दाखिले होंगे। अभी तक स्नातक के अंकों के आधार पर मेरिट तैयार कर प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जाती थी। विश्वविद्यालय के निर्णय के बाद अब एडमिशन सेल इसके लिए आवेदन फार्म जारी करने की तैयारी में है। सोमवार को इस संबंध में डीन एडमिशन प्रो. वीके शर्मा अपनी टीम से बात करेंगे।
लखनऊ विश्वविद्यालय में परास्नातक स्तर पर करीब 30 डिप्लोमा कोर्स संचालित हैं। शिक्षकों के मुताबिक शैक्षिक सत्र 2020 तक इनमें मेरिट के आधार पर प्रवेश लिए जाते थे। पीजी डिप्लोमा के लिए स्नातक के अंकों और प्रोफिसिएंसी के लिए इंटर उत्तीर्ण अभ्यर्थी आवेदन के लिए पात्र होते हैं। इस बार प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। अब यूजी और पीजी कोर्सों के साथ-साथ प्रवेश परीक्षा से ही डिप्लोमा कोर्सों में भी दाखिले लिए जाएंगे। विश्वविद्यालय के डीन एडमिशन प्रो. वीके शर्मा ने बताया कि यूजी और पीजी और पीएचडी में दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब पीजी डिप्लोमा कोर्सों के लिए तैयारी की जाएगी। इसमें पीजी डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा, सर्टिफिकेट और प्रोफिसिएंसी के लिए आवेदन फार्म जारी कि जाएंगे। प्रवेश परीक्षा के लिए प्रवेश समिति में फैसला हो चुका है। आवेदन प्रक्रिया आनलाइन होगी।
लविवि में ये डिप्लोमा कोर्स
प्रोफिशिएंसी, डिप्लोमा और एडवांस डिप्लोमा : अरेबिक, फ्रेंच, जर्मन, रशियन, चाइनीज, मार्डन अरेबिक, मॉडर्न पर्शियन, पाली, संस्कृत, प्राकृत भाषा, सुगम हिन्दी, उर्दू।
एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा : पब्लिक एडमिनिस्ट्रेश्न, डिजास्टर रिलीफ एंड रिहैबिलिटेशन, नैचुरोपैथी साइंस एंड योग, सोशल स्टडीज एंड ह्यूमन राइट्स
ओएनजीसी प्रोग्राम (पीजी डिप्लोमा) : बायोडाइवर्सिटी, वाइल्ड लाइफ कन्जर्वेशन एंड मैनेजमेंट, एक्सप्लोरेशन, रिसोर्सेज एंड माइनिंग टेक्नोलाजी, रिमोट सेंसिंग जियोलाजी एंड जीआइएस।