अब छोटी स्कूली बसों भी होगा इमरजेंसी गेट, तय होगी बच्चों की संख्या भी Lucknow News
सुरक्षा को और पुख्ता करने के उदद्ेश्य से परिवहन विभाग कर रहा बदलाव। शासन को भेजा गया प्रस्ताव जल्द लग सकती है इस पर मुहर।
लखनऊ, जेएनएन। बच्चों की सुरक्षा को और पुख्ता करने के उदद्ेश्य से परिवहन विभाग बहुत जल्द स्कूली बसों में इमरजेंसी गेट के मानकों में बदलाव करने जा रहा है। नियमावली में संशोधन के लिए महकमे ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। इस पर जल्द मुहर लग सकती है। करीब आधा दर्जन अव्यावहारिक चीजों के नियमों को बदला जा रहा है।
अभी तक स्कूली बसों में इमरजेंसी एक्जिट और आपातकालीन विंडो लगाए जाने का नियम था। इमरजेंसी गेट की लंबाई 150 सेमी. और चौड़ाई 120 सेमी. निर्धारित थी। उसे भी बस चालक अपने हिसाब से लगवाते थे। अब बसों की कैटेगरी तय की गई है। इसे मिनी एवं मिडी बस के रूप में अलग किया गया है। इसके तहत छोटी बसों में एक आपातकालीन द्वार का प्रावधान होगा। बड़ी बस यानी 35 सीट या उससे ऊपर की बस में एक इमरजेंसी द्वार और इमरजेंसी विंडो लगानी होगी। आपातकालीन द्वार बस के सर्विस डोर के विपरीत दिशा में यानी प्रवेश द्वार के सामने होगा। आपात विंडो बस के पीछे की ओर लगाई जाएगी।
बच्चों की संख्या भी होगी तय
12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को लाने ले जाने वाली स्कूली बसों में स्वीकृत क्षमता से डेढ़ गुना बच्चों के बैठाए जाने की अनुमति का भी प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें स्कूल बस की हर सीट पर बेल्ट रखने के प्रावधान को भी बदला जाएगा। यानी हर सीट पर बेल्ट जरूरी नहीं होगी।
क्या कहते हैं अपर परिवहन आयुक्त ?
अपर परिवहन आयुक्त एके पांडेय के मुताबिक, स्कूली बसों में एआइएस (ऑटोमेटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड-063:2005) मानक के अनुसार इमरजेंसी गेट और विंडो लगाए जाएंगे। प्रस्ताव भेज दिया गया है। आपातकालीन व्यवस्था के तौर पर पहली बार व्यवस्था को नियमावली में लाया जा रहा है।