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BBAU में अब निजी एजेंसी करवाएगी परीक्षा, 30 के बजाय एक करोड़ किए जाएंगे खर्च Lucknow News

बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में अब निजी एजेंसी करवाएगी परीक्षा खर्च होते थे 30 लाख अब होंगे एक करोड़ खाक।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 10:34 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 10:34 AM (IST)
BBAU में अब निजी एजेंसी करवाएगी परीक्षा, 30 के बजाय एक करोड़ किए जाएंगे खर्च Lucknow News
BBAU में अब निजी एजेंसी करवाएगी परीक्षा, 30 के बजाय एक करोड़ किए जाएंगे खर्च Lucknow News

लखनऊ [पुलक त्रिपाठी]। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में वित्तीय अनदेखी का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है। प्रवेश परीक्षा के लिए जहां विवि खुद के द्वारा 30 लाख रुपये में परीक्षा कराता था, वहीं अब उसी काम के लिए निजी एजेंसी पर चार गुना अधिक खर्च यानी एक करोड़ सोलह लाख रुपये खर्च करने की तैयारी है।

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दरअसल, साल 2016 से विश्वविद्यालय खुद के तैयार किए साफ्टवेयर के आधार पर ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा कराता रहा। इस व्यवस्था के तहत विवि पर सालाना तीस लाख रुपये खर्च आता था। बावजूद विवि ने परीक्षा की बागडोर निजी एजेंसी के हाथों में एक करोड़ से अधिक में दे दी।

जांच का मुद्दा यह भी है कि टेंडर से सुनियोजित ढंग से प्रवेश समन्वयक बदलने की कार्रवाई भी धीरे से कर दी गई। यह बात भी सामने आ रही है कि मुख्य प्रवेश परीक्षा के साथ ही पीएचडी प्रवेश परीक्षा भी कराई जाएगी। जिसमें करीब पांच हजार परीक्षार्थी ही शामिल होगे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि पहले 25 हजार अभ्यर्थियों पर जहां 30 लाख रुपये अनुमानित खर्च आता था, वहीं इस बार सिर्फ अनुमानित 30 हजार बच्चों पर भी क्या एक करोड़ के लगभग खर्च होंगे।

विवि का हाल इन दिनों यह है कि साल के शुरू हुए पांच दिन गए मगर अभी पीएचडी प्रवेश क लिए परीक्षा फार्म की तारीखों की भी घोषणा नहीं की जा सकी। जबकि एकेडमिक काउंसिल द्वारा निर्णय लिया गया था कि साल में दो बार पीएचडी प्रवेश परीक्षा कराई जाएगी।

ऐसे में दिसंबर में ही फार्म और जनवरी में परीक्षा हो जानी चाहिए थी। वहीं प्रवक्ता बीबीएयू डॉ. रचना गंगवार ने कहा कि इस संबंध में जानकारी नहीं है। मैं कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं।

बीबीएयू द्वारा 26 नवंबर को निकाला गया टेंडर

परीक्षा व्यवस्था को निजी हाथों में देने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने 26 नवंबर को टेंडर निकाल दिया गया। विवि की टेंडर प्रक्रिया के तहत संबंधित एजेंसी को टेंडर भी आवंटित कर दिया गया। वह भी चार गुना महंगी दर पर। इस हैरान करने वाले प्रकरण पर विवि के अधिकारी किनारा काटर रहे हैं।


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