अब आ गया मनरेगा में भी MMS एप, विकास कार्यों में आएगी पारदर्शिता Lakhimpur News
ग्राम प्रधान पंचायत सचिव रोजगार सेवक और तकनीकी सहायक जुड़ेंगे ऐप से।
लखीमपुर, जेएनएन। प्रेरणा ऐप को लेकर चल रही शासन और शिक्षकों की खींचतान के बीच अब मनरेगा ने भी एमएमएस लांच कर दिया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना का प्रमोशन करते हुए शासन ने मोबाइल मोनेङ्क्षट्रग सिस्टम &ह्नह्वशह्ल;एमएमएस&ह्नह्वशह्ल; ऐप लांच किया कर दिया है। जिसके दायरे में जिले के सभी रोजगार सेवक, ग्राम प्रधान, तकनीकी सहायक और पंचायत सचिव को ये ऐप अपलपेड कर उस पर काम करना होगा। शासन की मंशा है कि एमएमएस ऐप से मनरेगा में कराए जाने वाले विकास कार्यों के क्रियान्वयन में तेजी आएगी ।
ये मिलेगी ऐप से सुविधा
ऐप के द्वारा ब्लॉक लेवल पर होने वाली डाटा एंट्री में डिमांड एलोकेशन वर्क बना सकते हैं । कार्यस्थल पर ही मजदूरों की उपस्थिति ऑनलाइन व ऑफलाइन करने की सुविधा भी मिलेगी । जिससे मनरेगा मजदूरों के बैंक खातों में कम समय में ही मजदूरी भी मिलने की संभावना भी बढ़ेगी । विकास कार्यो को भी डेटा सर्वर पर अपलोड कर सकते हैं । मस्टर रोल अटेंडेंस में अटेंडेंस को तय तारीख या मौजूदा तारीख से एक सप्ताह में भी मार्क कर सकते हैं ।
उपस्थिति को चिह्नित करने के दौरान डिवाइस की तारीख में अंतर होने पर मजदूरों की उपस्थिति को उसकी फोटो के साथ या उसके बिना भी चिह्नित किया जा सकता है । ऐप से कार्य को केवल नजदीकी तिथि या मस्टर रोल के आधार पर ही किया जा सकता है । उपस्थिति को ऑफ़लाइन या बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी के इंटरनेट कनेक्शन के साथ अपलोड उपस्थिति मेन्यू से अपलोड किया जा सकता है । ऐप में वर्तमान तिथि की उपस्थिति रिपोर्ट भी आसानी से देख सकेगी ।
बचेगा वक्त और राहें होंगी आसान
एमएमएस ऐप के द्वारा मनरेगा के तहत होने वाले विकास कार्यो के लिए अब रोजगार सेवकों को ब्लॉक पर जाने की आवश्यकता नही पड़ेगी । मजदूरी की ऑनलाइन उपस्थिति से लेकर एक या एक से अधिक श्रमिक की डिमांड लगा सकेंगे तथा इलेक्ट्रॉनिक मस्टररोल के लिए ब्लॉक के चक्कर नही लगाने पड़ेंगे।
जिम्मेदार की सुनिए
डीसी मनरेगा राजनाथ भगत ने बताया कि पहले चरण में विकास खंड के पांच ग्राम पंचायतों को चयनित किया जाएगा । अब तक पूरे प्रदेश के 75 में से जिन 60 जिले में ये ऐप प्रभावी हुआ है उसमें खीरी भी शामिल है। यहां अब तक 34 ग्राम पंचायतों में ऐप प्रभावी हो चुका है। तेजी से इसके विस्तार का प्रयास जारी है ताकि मनरेगा के श्रमिकों को सप्ताह भर में ही उनका मानदेय दिया जा सके।