अब ऑनलाइन होगी खरीफ किसान गोष्ठी, कोरोना संकट में बदला जिला व मंडलस्तरीय गोष्ठियों का स्वरूप
किसानों की गोष्ठियों में संक्रमण का खौफ हावी रहने के कारण कृषि विभाग इस बार ऑनलाइन गोष्ठी आयोजित करने की तैयारी कर रहा है
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना के कहर से कृषि गोष्ठियां भी अछूती नहीं रह गयी। फसलों की तैयारी के लिए अहम मानी जाने वाली किसानों की गोष्ठियों में संक्रमण का खौफ हावी रहने के कारण कृषि विभाग इस बार ऑनलाइन गोष्ठी आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। जिसकी शुरूआत राज्यस्तरीय खरीफ गोष्ठी से होगी। आगामी 12 मई को प्रस्तावित गोष्ठी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी। कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही व प्रमुख सचिव समेत प्रमुख विभागीय अधिकारियों के अलावा कुछ किसान भी शामिल हो सकेंगे। इसमें जिलों में तैयारियों की समीक्षा के साथ इस सीजन में उत्पादन व उत्पादकता का लक्ष्य भी दिया जाएगा। ब्लॉक कार्यालयों में भी वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था कराई जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन की स्थिति में अधिक सुधार नहीं होगा तो जिला व मंडल स्तर पर होने वाली गोष्ठियों का स्वरूप भी बदला जा सकता है। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस के प्रवेश को लेकर अधिक चिंतित है। गांवों में प्रवासी श्रमिकों के आने और मंडियों में संक्रमण की स्थिति गड़बड़ाने से संक्रमण का खतरा और अधिक बढऩे की आशंका बनी है। भारतीय किसान संघ के पूर्व प्रदेश मंत्री श्यामवीर सिंह का कहना है कि बदली परिस्थितियों मेंं किसानों को तकनीकी के सहारे फसलों की तैयारी के बारे में बताया जा सकता है।
कारगर होंगे वाट्सअप समूह
आम किसानों तक कृषि व मौसम संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए न्याय पंचायत स्तर पर वाट्सएप बनाने की योजना कारगर सिद्ध होगी। जिला कृषि अधिकारियों को अपने क्षेत्र में वाट्सएप समूह जल्द तैयार कराने के निर्देश दिए गए है। सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी किसानों तक जल्द से जल्द जानकारी प्रदान करने के लिए परांपरागत तौर तरीकों में बदलाव आवश्यक है। वीडियो कॉल व एसएमएस के माध्यम से किसानों से संपर्क व संवाद कायम करने की व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। यूपी पारदर्शी मोबाइल एप को और अधिक प्रभावी बनाने के अलावा मंडी व कृषि संबंधित अन्य विभागों को भी ऑनलाइन अभियान में शामिल करने की योजना है।
किसानों की लागत व परेशानी कम करेंगे
कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही का कहना है कि किसान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। खेती की लागत घटाने के साथ ही किसानों की मुश्किलों का समाधान तत्परता से कराया जा रहा है। आधुनिक संचार तकनीक का प्रयोग खेती में करना बेहद जरूरी है।