अब बिना नंबर शोरूम से बाहर नहीं निकलेंगी गाडि़यां, दो दिन में मिलेंगे नंबर
डाक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम से दो दिन में मिलेंगे वाहनों के नंबर।
लखनऊ, [नीरज मिश्र]। गाड़ी लेने के बाद वाहन स्वामी को पंजीयन नंबर के लिए आरटीओ कार्यालय और डीलर के चक्कर अब नहीं लगाने पड़ेंगे। व्यवस्था में बदलाव करते हुए विभाग ने वाहन के पंजीयन नंबर के लिए दो दिनों की समय सीमा तय कर दी है। साथ ही बिना पंजीयन नंबर के वाहन एजेंसी से अब नहीं निकल पाएंगे।
चल रहे ट्रायल रन के बाद परिवहन विभाग ने राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के 19 जिलों में ‘डाक्यूमेंट्स मैनेजमेंट सिस्टम’ व्यवस्था लागू कर दी है। इसके तहत डीलर को अब वाहनों के कागजात ऑनलाइन फाइल के रूप में तैयार करने होंगे। फाइल ऑनलाइन अपलोड होते ही आरटीओ कार्यालय पहुंच जाएगी और उसके बाद जिम्मेदार कागजातों की पड़ताल कर उसे ओके करते हुए वाहन का पंजीयन नंबर अलॉट कर डीलर को वापस कर देगा। उसके बाद वाहन की हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट तैयार होगी और तभी वाहन एजेंसी से बाहर निकल पाएगा।
संभागीय परिवहन अधिकारी संजय नाथ झा के मुताबिक, कागजातों की पड़ताल कर संबंधित अधिकारी उस पर अपनी सहमति या असहमति जताते हुए इसे तत्काल वापस करेगा। अगर कागजात पूरे नहीं हैं या फिर कोई गड़बड़ी है तो ऐसी दशा में आरटीओ को डीलर को वजह बतानी होगी और उसे वापस भेजना होगा। हफ्तेभर के भीतर आरटीओ को वाहन का पंजीयन नंबर जारी करना होगा।
ये होगा लाभ
’ नंबर तुरंत मिलेगा
’ पंजीयन नंबर के लिए आरटीओ कार्यालय और डीलर के चक्कर वाहन स्वामी को नहीं लगाने पड़ेंगे
’ फिजिकल फाइल लेकर भागदौड़ करने वाली परंपरा रुकेगी
’ वाहन स्वामी बेवजह दलालों के चक्कर में नहीं फंसेंगे
’ नंबर मिलते ही हाई सिक्योरिटी रजिस्टेशन प्लेट तैयार होगी
’ बिना नंबर के वाहन सड़क पर नहीं दौड़ सकेंगे
क्या कहते हैं जिम्मेदार
उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि अगर छुट्टी है तो भी दूसरे दिन के कार्य दिवस पर फाइल का निस्तारण आरटीओ कार्यालय की ओर से हर हाल में किया जाएगा।ट्रायल रन के बाद लखनऊ समेत प्रदेश के 19 जिलों में यह प्रक्रिया शुरू करा दी गई है। मई माह में पूरे सूबे में इसे लागू करा दिया जाएगा। डीएमएस योजना के तहत दो दिन में पंजीयन नंबर वाहन स्वामी को देना होगा। डीलर अब डाक्यूमेंट्स को अपलोड कर आरटीओ कार्यालय भेजेगा। इसमें जवाबदेही होगी। इससे एक तो कागजों का चलन कम होगा। साथ ही पूरा डाटा इलेक्ट्रानिक हो जाएगा।