हाउस टैक्स में ही जुड़ेगा कूड़ा उठान का शुल्क, नए वित्तीय वर्ष से लागू होगी नई व्यवस्था
05 लाख पचास हजार उनचास कुल मकान। 1900 से शुल्क मिल रहा है। 72 हजार अनावासीय भवन, आधे से कम से मिला कूड़ा उठान का शुल्क।
लखनऊ, [अजय श्रीवास्तव]। आने वाले दिनों में अब हाउस टैक्स बिल में कूड़ा उठान का चार्ज भी जुड़कर आएगा। हर घर से यूजर चार्ज मिलने के बाद नगर निगम अब कूड़ा प्रबंधन योजना को पूरी तरह पटरी पर लाना चाहता है। इसी तरह हर घर को नगर निगम की तरफ से दो-दो डस्टबिन भी दी जाएंगी। डस्टबिन की रकम भी हाउस टैक्स में ही जुड़कर आएगी। नए वित्तीय वर्ष से नगर निगम ऐसा करने जा रहा है। दो दिन पहले ही एनजीटी ने नगर निगम को निर्देश दिया है कि हर घर में दो-दो डस्टबिन दी जाएं, जिससे लोग गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग रख सकें। इससे घरों से ही कूड़े की छंटाई हो जाने से उसका सही उपयोग हो सकेगा।
नगर निगम क्षेत्र में साढ़े पांच लाख मकान हैं, लेकिन अभी 1.40 मकानों से ही घर-घर से कूड़ा एकत्र हो रहा है। इसी तरह 72 हजार अनावासीय संपत्तियों में से आधे से कम लोग ही कूड़ा उठाने का चार्ज दे रहे हैं। इसके अलावा हर घर से कूड़ा उठान का यूजर चार्ज हर माह वसूलना भी एक झंझट है। कई बार तो भवन स्वामी से वसूली गई रकम को कूड़ा प्रबंधन का काम देख रही ईको ग्रीन कंपनी के कर्मचारी ही खा चुके हैं। घरों से नियमित कूड़ा उठान न होने और सभी मकानों से यूजर चार्ज न मिलने से वर्ष 2007 से चल रही कूड़ा प्रबंधन योजना आज भी पटरी पर नहीं आ पाई है।
‘नए वित्तीय वर्ष से नगर निगम हाउस टैक्स बिल में ही कूड़ा उठान का यूजर चार्ज जोड़कर भेजेगा। इसका एक लाभ यह होगा कि यूजर चार्ज देने के कारण भवन स्वामी मजबूरी में नगर निगम की अधिकृत कंपनी के कर्मचारियों को कूड़ा देंगे। इससे सड़कों पर दिखने वाले कूड़े में कमी आएगी। इसी तरह गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग रखने के लिए नगर निगम की तरफ से हर भवन स्वामी को दो-दो डस्टबिन दी जाएंगी। डस्टबिन का शुल्क भी हाउस टैक्स बिल में जोड़कर दिया जाएगा।