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अब राजधानी में बड़े प्रतिष्ठानों की होगी औचक जांच, एफएसडीए की टीम करेगी निरीक्षण Lucknow News

एफएसडीए की टीम अब लखनऊ के बड़े प्रतिष्ठित होटल और रेस्‍टोरेंट पर भी छापा मारेगी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 09:44 AM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 09:44 AM (IST)
अब राजधानी में बड़े प्रतिष्ठानों की होगी औचक जांच, एफएसडीए की टीम करेगी निरीक्षण Lucknow News
अब राजधानी में बड़े प्रतिष्ठानों की होगी औचक जांच, एफएसडीए की टीम करेगी निरीक्षण Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। राधेलाल स्वीट्स के नमूनों की जांच रिपोर्ट आने के बाद राजधानी में दूसरे प्रतिष्ठानों को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अब तक जांच से बचे रहे कई प्रतिष्ठान अब एफएसडीए के रडार पर हैं। जल्द ही टीमें औचक जांच कर मिलावटखोरी का पता लगाएंगी। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेश कुमार मिश्र के मुताबिक टीमों को अलर्ट कर दिया गया है। जहां पर भी इस तरह की शिकायत मिलेगी, जांच होगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। 

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विधिक राय के बाद कार्रवाई : राधेलाल स्वीट्स का लाइसेंस 25 सितंबर तक निलंबित है। निर्धारित तिथि के बाद अगर लाइसेंस रिन्यूअल का आवेदन आएगा तो टीमें सर्वे करेंगी। इसके बाद ही उसके लाइसेंस के रिन्यूअल पर विचार होगा। वहीं, लाइसेंस के नवीनीकरण को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। राधेलाल के यहां पहले भी नमूने फेल हो चुके हैं। ऐसे में प्रशासन के अनुसार फिर लाइसेंस रिन्यूअल को लेकर विधिक राय ली जा रही है। 

मिठाई के नाम पर कैंसर बांट रहा था राधेलाल 

राधेलाल स्वीट्स मिठाइयों के नाम पर लोगों को कैंसर बांट रहा था। डॉक्टरों का कहना है कि जो रिपोर्ट आई है, उसके अनुसार यहां की मिठाइयां सेहत के लिए बेहद हानिकारक हैं। पिसी हल्दी में चमक लाने के लिए प्रतिबंधित सिंथेटिक बटर यलो की मिलावट गई है। यह लिवर के लिए बहुत खतरनाक माना गया है। भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आइआइटीआर) के फूड टॉक्सिकोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. केएम अंसारी बताते हैं कि इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आइएआरसी) ने बटर यलो को लिवर कैंसर के मद्देनजर ‘ए’ कैटेगरी में शामिल किया गया है। जाहिर है कि ऐसी हल्दी सीधे लिवर कैंसर का कारण साबित होगी। सूडान (2-3) की मिलावट से मिर्च जहरीली बन जाती है। यह भी कैंसर का बड़ा कारण है। इसे जूते की पॉलिश और पेंट आदि में मिलाया जाता है। इसके इस्तेमाल से लिवर और पूरा पाचन तंत्र खराब हो सकता है। इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाला सोडियम सल्फाइड जहां तक संभव है प्रिजरवेटिव के तौर पर मिठाइयों को ज्यादा समय तक सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसका इस्तेमाल पेपर व प्लास्टिक इंडस्ट्री में किया जाता है। यह भी सेहत के लिए खतरनाक है। डॉ. अंसारी ने कहा कि अभी तक इसकी मिलावट की जानकारी नहीं थी। इस पर अध्ययन शुरू किया जाएगा।


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