अब बढ़ेगी आय सीमा, घटेगी परेशानी
शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए परिवार की सालाना आमदनी दो से बढ़ाकर हुई ढाई लाख।
लखनऊ[जितेंद्र उपाध्याय]। यदि आपका बच्चा उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहा है और आपकी आय सीमा दो लाख से ऊपर होने की वजह से उसे समाज कल्याण विभाग की शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिल पा रही थी तो आपके लिए अच्छी खबर है। समाज कल्याण विभाग शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए परिवार की अधिकतम वार्षिक आय की सीमा को दो लाख से बढ़ाकर ढाई लाख करने जा रहा है। जुलाई से आवेदन प्रक्रिया के साथ ही इसे लागू कर दिया जाएगा। समाज कल्याण विभाग की ओर से अनुसूचित जाति, जनजाति और सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों की पढ़ाई की फीस को शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में भुगतान करता है। अधिकतम आय सीमा कम होने से लाखों अभ्यर्थी आवेदन से वंचित रह जाते थे। 50 हजार वार्षिक आय बढ़ने से इसका लाभ ज्यादा विद्यार्थियों को मिलेगा। समाज कल्याण निदेशालय की ओर से प्रस्ताव शासन को भेजा गया था जिस पर मुहर लग गई है। ऑनलाइन करनी होगी प्रोफाइल
शुल्क प्रतिपूर्ति के लाभ के लिए संस्थाओं को अपनी प्रोफाइल ऑनलाइन करनी होगी। राजधानी की 730 संस्थाओं को निर्देश जारी किए गए हैं। संस्थाओं के प्रबंधक-प्रधानाचार्य के अलावा नोडल अधिकारी का डिजिटल हस्ताक्षर करना होगा। ऐसा न करने वाली संस्थाओं में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ नहीं मिलेगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी केएस मिश्र ने बताया कि संस्थाओं को निर्देश जारी किए गए हैं। संस्थाओं को 15 जुलाई तक प्रोफाइल अपडेट करना होगा।
सीधे प्रवेश वाले होंगे वंचित
शुल्क प्रतिपूर्ति को पारदर्शी बनाने और कॉलेजों की मनमानी रोकने के लिए अब सीधे प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को भी शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिलेगी। अब डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विवि या अन्य सरकारी विवि से पंजीकृत या उनकी ओर से आयोजित काउंसिलिंग के माध्यम से प्रवेश लेने वालों को ही शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मिलेगा। क्या कहना है निदेशक का?
समाज कल्याण निदेशक जगदीश प्रसाद का कहना है कि आय सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव पर प्रदेश सरकार ने सहमति जताई है। शासनादेश जारी होते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। आर्थिक रूप से कमजोर हर वर्ग के विद्यार्थियों को फायदा होगा।