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Positive India: UP में अब स्टे होम OPD, दो मिनट में फोन पर डॉक्टर; कोरोना काल में अस्पताल जाने का झंझट खत्म

Positive India ई-संजीवनी मोबाइल ऐप सेवा से घर बैठे इलाज। डाउनलोड करें ऐप जेनरेट होगा टोकन।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 09:56 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 09:56 AM (IST)
Positive India: UP में अब स्टे होम OPD, दो मिनट में फोन पर डॉक्टर; कोरोना काल में अस्पताल जाने का झंझट खत्म

लखनऊ [संदीप पांडेय]। Positive India: कोरोना संक्रमण का भय हर एक को सता रहा है। लिहाजा, मरीज अस्पताल जाने से भी कतरा रहे हैं। ऐसे में पुऱाने कई मरीजों की दवा ब्रेक हो गई है। वहीं नए मरीज वायरस के भय से मर्ज दबाए बैठ हुए हैं। ऐसे में अब सरकार 'स्टे होम ओपीडी' सेवा शुरू करने जारी है। इसका ट्रायल शुरू हो गया है। मोबाइल ऐप बेस सेवा के जरिए घर बैठे ही फोन पर डॉक्टर उपलब्ध होंगे।

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राज्य के प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग (पीएमएस) के डॉक्टर अब ऑनलाइन होंगे। शासन ने 26 जून को आदेश जारी कर प्रदेश के सभी नॉन कोविड अस्पतालों के डॉक्टरों का ब्योरा मांगा है। इन्हें प्रशिक्षण देकर जल्द ही केंद्र सरकार की ई-संजीवनी सेवा से कनेक्ट किया जाएगा। फिलहाल कंप्यूटर, लैपटॉप संचालन में दक्ष 42 डॉक्टरों को सेवा से जोड़ दिया गया है। वहीं ई-संजीवनी ऐप के जरिए स्टे होम ओपीडी सेवा का ट्रायल शुरू कर दिया गया। गुरुवार को 42 मरीजों को परामर्श दिया गया है। इसका अभी रिस्पॉन्स टाइम दो मिनट 41 सेकेंड है। यानि फोन मिलाते ही तय समय में डॉक्टर आपको परामर्श उपलब्ध कराएंगे। जल्द ही मुख्यमंत्री इस योजना को लॉन्च कर सकते हैं।

डाउनलोड करें एप, जेनरेट होगा टोकन

मरीज प्ले स्टोर में जाकर ई-संजीवनी ओपीडी एप डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें जैसे ही पंजीकरण करेंगे, वैसे ही टोकन नंबर जेनरेट हो जाएगा। ऐप पर ऑनलाइन दिख रहे डॉक्टर के नाम को क्लिक करेंगे, वह तुरंत वीडियो कॉल से कनेक्ट होंगे। ट्रायल बेस पर चल रही योजना में अभी कोई न कोई डॉक्टर ऑनलाइन रहता है। वहीं भविष्य में सुबह नौ से चार बजे तक समय निर्धारित किया जा सकता है।

हर मर्ज का मिलेगा परामर्श

पीएमएस में करीब 13 हजार डॉक्टर हैं। इसमें 2500 के करीब विशेषज्ञ हैं। फिजीशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, ईएनटी सर्जन, नेत्र रोग विशेषज्ञ, जनरल सर्जन समेत विभिन्न विधाओं के डॉक्टरों को जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा एमबीबीएस डॉक्टरों की फौज है। यह सुविधा घर बैठे इलाज मुहैया कराने में वरदान साबित होगी। इससे मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा भी टलेगा।

संजीवनी सेवा में पहले जाना पड़ता था अस्पताल

केंद्र सरकार की ई-संजीवनी सर्विस दो तरह की है। इसमें एक स्पोक एंड हब मॉडल है। इसका सेंटर केजीएमयू बनाया गया है। यहां बैठे विशेषज्ञ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आने वाले मरीजों को परामर्श देते हैं। मरीज को योजना से जुड़े नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है। वहीं, अब मरीजों के दौड़भाग का झंझट खत्म हो जाएगा। घर बैठे ही डॉक्टर से डायरेक्ट वीडियोकॉल कर परामर्श ले सकेंगे।

क्या कहते हैं महाप्रबंधक ?

एनएचएम-कम्युनिटी प्रॉसेस महाप्रबंधक डॉ. राजेश झा के मुताबिक, स्टे होम ओपीडी सेवा प्रारंभिक चरण में है। डॉक्टरों को ट्रेनिंग देकर ऐप से जोड़ा जा रहा है। जल्द ही इस योजना को पूरे प्रदेश में शुरू किया जाएगा।


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