अब जर्मन तकनीक की बोगियों संग दौड़ेगी चंडीगढ़ एक्सप्रेस Lucknow News
संसद में मामला उठने के बाद रेलवे ने की एलएचबी रैक की मांग। एलएचबी रैक से चलने पर बढ़ जाएंगी सुविधाएं।
लखनऊ, जेएनएन। करीब 60 लाख रुपये खर्च करने के बावजूद चंडीगढ़ सुपरफास्ट एक्सप्रेस की बोगियों की बदहाली न छिप सकी। मामला संसद में उठा तो अब रेलवे प्रशासन ने जर्मनी तकनीक वाली लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) रैक की डिमांड कर दी है। रेलवे बोर्ड एलएचबी रैक उपलब्ध कराने के लिए रेल कोच फैक्ट्री को इंडेंट भी भेज दिया है।
दरअसल, ट्रेन 12231/32 लखनऊ चंडीगढ़ सुपरफास्ट एक्सप्रेस अभी कनवेंशनल बोगियों से दौड़ रही है। यह बोगियां बहुत पुरानी हो गई हैं। रेलवे ने प्रोजेक्ट उत्कृष्ट के तहत चंडीगढ़ एक्सप्रेस को संवारने के लिए 60 लाख रुपये खर्च कर दिए। इसके तहत ट्रेन की बोगियों की बाहर से नई पेंटिंग, भीतरी साज सज्जा और शौचालय की दशा को सुधारा गया था। हालांकि कुछ ही दिनों में एसी सेकेंड क्लास बोगियों की सीटें ही फटने लगीं। ऊपर की सीट पर चढऩे वाला लोहे का हुक भी गायब होने लगे। शौचालय के वॉश बेसिन के नल की महंगी टोटियां गायब हो गई हैं। इतना ही नहीं यात्रियों को खराब बेडरोल भी दिए जा रहे थे। तकिया फटी होने से उसकी रूई पूरी बोगी में बिखर जाती है।
चादर और तकिया कवर बिना धुलाई के ही दिए जाते हैं। दैनिक जागरण ने चंडीगढ़ एक्सप्रेस की बदहाली का मुददा प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद संसद में यह मामला उठा। अब जल्द ही रैक को एलएचबी करने की तैयारी है। एलएचबी रैक होने से जहां हर बोगी में 10 प्रतिशत सीटें बढ़ जाएंगी। वहीं यह पहले से आरामदायक होंगी। एसी बोगियों के प्लांट पॉवर कार से चलेंगे। इससे उनकी कूलिंग भी अच्छी होगी।
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