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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में अहंकार की कोई जगह नहीं : मोहन भागवत

मोहन भागवत ने संघ सहित भारतीय जनता पार्टी और अन्य अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों को चेतावनी दी है कि संगठन में अहं के लिए कोई स्थान नहीं है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 20 Feb 2018 09:24 PM (IST)Updated: Tue, 20 Feb 2018 11:43 PM (IST)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में अहंकार की कोई जगह नहीं : मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में अहंकार की कोई जगह नहीं : मोहन भागवत

वाराणसी (जेएनएन)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने संघ सहित भारतीय जनता पार्टी और अन्य अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारियों को चेतावनी दी है कि यहां अपने या संगठन के अहं के लिए कोई स्थान नहीं है। स्वयंसेवकों का समर्पण ही संघ को चलाएगा। मान-अपमान, सुख-दुख, यश-अपयश से परे रहते हुए अपने ध्येय-ईष्ट को प्राप्त करना ही अपना कर्तव्य है। हम सभी का मंत्र समान है, संगठन समान है, मन, बुद्धि, चित्त समान है और उद्देश्य भी समान है। 

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संघ सूत्रों का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव-2019 के मद्देनजर विभिन्न संगठनों के लिए यह संदेश आदेश भी है, निर्देश भी है और चेतावनी भी। काशी में आरएसएस के चल रहे सात दिवसीय समागम के तहत मंगलवार को बड़ालालपुर स्थित संघ व उनके जनसंगठनों की समन्वय बैठक को भागवत ने संबोधित किया। बोले, श्रद्धा कवच के रूप में हमारे स्वयंसेवकत्व की रक्षा करती है। संघ सूत्रों के मुताबिक, संघ प्रमुख ने कहा कि पदाधिकारी हों या कार्यकर्ता, सभी ईमानदारी से काम करें। करोड़ों कार्यकर्ताओं के मेहनत का फल है कि भाजपा को केंद्र व प्रदेश की सत्ता मिली। सरकार आने के बाद स्वयंसेवकों की उम्मीदें भी बढ़ी हैं। उन्हें जरूर संतुष्ट किया जाए लेकिन, नियमों के तहत ही। भ्रष्टाचार, ङ्क्षहसा, अवैध कमाई आदि गलत कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। हमें स्वयंसेवकों में ईमानदारी का भाव बनाए रखना होगा जिससे कि उनमें सेवा का भाव बना रहे। संघ प्रमुख ने जोर देते हुए कहा कि हमें ध्येय मार्ग पर आगे बढऩा होगा। किसी भी हाल में बाहर का अंधकार अंदर न आए। संघ संस्थापक डा. केशव बलिराम हेडगेवार की चर्चा करते हुए कहा कि उनके पास कुछ नहीं था। दरिद्रता और घोर अभावग्रस्त के बावजूद संघ के प्रति उनके मन में अविचल श्रद्धा थी। उनके स्नेह की बदौलत आज संघ का पूरे दुनिया में विस्तार हो चला है। 

संघ प्रमुख ने विभिन्न संगठनों से कहा कि स्वयंसेवकों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम किया जाए। हमारी संघ एवं स्वयंसेवकत्व यात्रा निरंतर चलती रहेगी। हम संघ में आएं अच्छी बात है लेकिन, उससे भी अच्छी बात है कि संघ मुझमें आए। संघ स्वयंसेवक के नाते आत्मीयता, प्रेम, भक्ति और श्रद्धा का भाव समाज के लिए बनाए रखना होगा। नाम, रूप, गुण रहित आत्मीय संबंधों के आधार पर अपने-अपने संगठनों का विस्तार करना होगा। विवेकपूर्ण ढंग से कर्तव्य व अकर्तव्य का बोध रखने हेतु जीवन में सुधारात्मक प्रयास करते रहना होगा। संघ प्रमुख की संगठनों को चेतावनी के मद्देनजर यह माना जा रहा है कि आने वाले समय में कुछ मंत्रियों व संगठन के पदाधिकारियों पर गाज गिर सकती है। बैठक में भाजपा उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्रनाथ पांडेय, संगठन महामंत्री सुनील बंसल, काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष लक्ष्मण आचार्य, संगठन मंत्री रत्नाकर सहित लगभग 25 संगठनों के 50 से ज्यादा पदाधिकारी शामिल हुए।

मार्च में बदलाव के संकेत

संघ सूत्रों के मुताबिक, मार्च में संघ व सरकार की नागपुर में बैठक प्रस्तावित है। यह बैठक लोकसभा चुनाव से पूर्व संभतव: आखिरी बैठक होगी। इसमें भाजपा संगठन व सरकार में बड़ा फेरबदल हो सकता है। इसका खाका बैठक में खींचा गया।

आज दिल्ली जाएंगे भागवत

संघ प्रमुख मोहन भागवत बुधवार को दोपहर काशी से दिल्ली के रवाना हो जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि सुबह के समय संघ प्रमुख गंगा स्नान व बाबा विश्वनाथ के दरबार में मत्था भी टेक सकते हैं। इसके बाद कुछ चुनिंदा पदाधिकारियों संग बैठक और फिर अल्पाहार के बाद काशी से उनके रवाना होने की उम्मीद है।


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