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अब कैब चलाने को कमर्शियल लाइसेंस की जरूरत नहीं

कम भार के वाहन के लिए एलएमवी लाइसेंस ही है पर्याप्त।

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 May 2018 04:43 PM (IST)Updated: Tue, 08 May 2018 04:43 PM (IST)
अब कैब चलाने को कमर्शियल लाइसेंस की जरूरत नहीं
अब कैब चलाने को कमर्शियल लाइसेंस की जरूरत नहीं

लखनऊ[जागरण संवाददाता]। परिवहन विभाग ने प्रदेश में मोटर कैब, टैक्सी और ई-रिक्शा जैसे यात्री वाहन चलाने के लिए अलग से कमर्शियल लाइसेंस लेने की व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया है। अब निजी वाहनों के लिए बनने वाले एलएमवी (लाइट मोटर व्हीकल) ड्राइविंग लाइसेंस से ही इस श्रेणी में आने वाले व्यावसायिक वाहन भी चलाए जा सकेंगे। इस आशय के आदेश परिवहन आयुक्त पी. गुरुप्रसाद ने जारी कर दिए हैं।

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इस आदेश से भारी संख्या में टैक्सी, ऑटो रिक्शा समेत नौ सीट तक के विभिन्न तरह के यात्री वाहन चलाने वालों को बड़ी राहत मिलेगी। अब उन्हें कमर्शियल लाइसेंस नहीं लेना पड़ेगा। यही नहीं, गुड्स व्हीकल चलाने वालों को भी राहत दी गई है। यानी वे व्यावसायिक वाहन जिनकी माल ढोने की क्षमता 7500 किग्रा. (मसलन छोटा हाथी, पिकअप सरीखी माल ढोने वाली गाड़िया) से कम होगी, उन्हें भी व्यावसायिक लाइसेंस से मुक्त किया गया है। इन वाहनों के चालक भी निजी एलएमवी लाइसेंस से तय दिशा-निर्देशों के तहत माल वाहक वाहन चला सकेंगे। जारी किए गए आदेशों में चार श्रेणी तय की गई हैं। इनमें बिना गियर वाली मोटर साइकिल, गियर वाली मोटर साइकिल, हल्के मोटरयान (भार अथवा यात्री) के अलावा ई-रिक्शा, ई-कार्ट आदि यात्री वाहनों को शामिल किया गया है। उच्च न्यायालय के निर्देश पर लाइट मोटर व्हीकल की श्रेणी में आने वाले वाहनों के लिए कमर्शियल लाइसेंस की बाध्यता को समाप्त किया गया है। ऑटो रिक्शा, टैक्सी, छोटा हाथी समेत पिकअप के चालकों को बड़ी राहत। 7500 किग्रा. से कम माल ढोने वाले वाहन चालकों को भी राहत। क्या कहते हैं अफसर?

परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश पी. गुरुप्रसाद का कहना है कि आदेश के तहत प्रदेश में साढ़े सात टन तक की क्षमता वाले भार वाले वाहन चलाने वालों को कमर्शियल लाइसेंस नहीं लेना पड़ेगा। साथ ही एलएमवी श्रेणी के यात्री वाहनों को भी इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी।


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