लॉकडाउन के बाद भी लखनऊ में 32 फीसद बढ़ा नाइट्रोजन डाइआक्साइड, पहले नंबर पर दिल्ली कोलकाता सबसे निचले स्तर पर
ग्र्रीनपीस इंडिया ने दिल्ली मुंबई चेन्नई कोलकाता लखनऊ समेत आठ शहरों में किया सर्वे वर्ष 2020 में देशव्यापी लाकडाउन के बावजूद लखनऊ समेत देश के कई शहरों में सेहत के लिए खतरनाक मानी जाने वाली नाइट्रोजन डाइआक्साइड (एनओ-2) की मात्रा में भारी वृद्धि दर्ज की गई है।
लखनऊ, [धर्मेन्द्र मिश्रा]। वर्ष 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद लखनऊ समेत देश के कई शहरों में सेहत के लिए खतरनाक मानी जाने वाली नाइट्रोजन डाइआक्साइड (एनओ-2) की मात्रा में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। ग्रीनपीस इंडिया की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष की तुलना में इस बार लखनऊ में एनओ-2 की मात्रा में 32 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। देश में मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, जयपुर और लखनऊ में किए गए सर्वे के अनुसार दिल्ली में सर्वाधिक 132 फीसद एनओ-2 की मात्रा बढ़ गई है। वहीं कोलकाता में सबसे कम 11 फीसद की वृद्धि हुई है।
ग्र्रीनपीस इंडिया के वरिष्ठ जलवायु कार्यकर्ता अविनाश चंचल ने बताया कि वर्ष अप्रैल 2020 में लखनऊ में एनओ-2 की मात्रा 0.087 डाक्सन यूनिट (डीयू) थी, जोकि अप्रैल 2021 में बढ़कर 0.116 डीयू हो गई। इस प्रकार 32 फीसद की रिकार्ड बढ़ोतरी हुई।
श्वसन तंत्र व मस्तिष्क के लिए घातक है एनओ-2: विशेषज्ञों के अनुसार एनओ-2 खतरनाक वायु प्रदूषक है। जो ईंधन के जलने पर निकलता है। इसमें मोटर वाहनों, बिजली उत्पादन और औद्योगिक प्रक्रियाओं में इस्तेमाल होने वाले ईंधन शामिल हैं। एनओ-2 के संपर्क में आने से श्वसन तंत्र व मस्तिष्क के साथ संचार प्रणालियों पर विपरीत असर हो सकता है। सभी उम्र के लोग इसकी चपेट में आ सकते हैं। इससे अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु दर में वृद्धि हो सकती है। यह अवलोकन सेटेलाइट के जरिये किया गया है।
जलवायु एजेंडा की निदेशक एकता शेखर ने कहा कि रिपोर्ट स्पष्ट रूप से लखनऊ में राष्ट्रीय वायु स्वच्छता कार्ययोजना (एनसीएपी) को लागू करने की जरूरत को दर्शाती है। उन्हें कहा कि जब लखनऊ में 32 फीसद की बढ़ोतरी है तो यूपी के अन्य शहरों और कस्बों की स्थिति की कल्पना की जा सकती है। यह रिपोर्ट आंखें खोलने वाली है।
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवॢसटी के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डा. सूर्यकांत ने बताया कि नाइट्रोजन डाइआक्साइड मानव श्वसन रक्षा के लिए खतरनाक है। यह ब्रोन्कोकन्सट्रक्शन और बाद में जीवन भर के लिए फेफड़ों से संबंधित बीमारियों अस्थमा इत्यादि को जन्म दे सकता है।
कहां कितनी फीसद बढ़ी एनओ-2
- दिल्ली 125
- चेन्नई 94
- बेंगलुरु 90
- हैदराबाद 69
- मुंबई 52
- जयपुर 47
- लखनऊ 32
- कोलकाता 11