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NIRF Ranking 2023-24: इनोवेशन में IIT कानपुर का बजा डंका, 109 पेटेंट ने बनाया देश में नंबर वन

NIRF Ranking 2023-24 एनआइआरएफ रैंकिंग में आइआइटी कानपुर को नवाचार श्रेणी में प्रथम स्थान मिला है। सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में चौथा और शोध संस्थानों में आइआइटी कानपुर का छठा स्थान मिला है। देश के 100 मैनेजमेंट संस्थानों में भी 23वां स्थान प्राप्त किया है।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaTue, 06 Jun 2023 04:00 AM (IST)
NIRF Ranking 2023-24: इनोवेशन में IIT कानपुर का बजा डंका, 109 पेटेंट ने बनाया देश में नंबर वन
NIRF Ranking 2023-24: इनोवेशन में IIT कानपुर का बजा डंका, 109 पेटेंट ने बनाया देश में नंबर वन

कानपुर, जागरण संवाददाता। आइआइटी कानपुर ने शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से हर साल कराए जाने वाले नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) में नवाचार श्रेणी में प्रथम स्थान पाकर अपनी श्रेष्ठता का डंका बजा दिया है। प्रदेश के दूसरे आइआइटी बीएचयू को इस श्रेणी में 10 वां स्थान मिला है। देश के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग संस्थानों में आइआइटी कानपुर का स्थान चौथा है।

देश के इंजीनियरिंग संस्थानों में तीसरा स्थान पाने से आइआइटी कानपुर मात्र 0.09 अंक से पीछे रह गया। सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में चौथा और शोध संस्थानों में आइआइटी कानपुर का स्थान छठवां है। देश के 100 मैनेजमेंट संस्थानों में भी 23 वां स्थान है। पिछले साल नवाचार श्रेणी में चौथा स्थान मिला था। नवाचार में पहली रैंक आने पर निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने नवाचार व स्टार्टअप टीम को बधाई दी है।

उन्होंने कहा एनआइआरएफ नवाचार श्रेणी में प्रथम स्थान मिलना वास्तव में नवाचार और उत्कृष्टता के लिए पूरे संस्थान के समर्पण का सम्मान है। नवाचार के लिए वातावरण सृजन में उल्लेखनीय विकास करने से यह सम्मान मिलना संभव हुआ है। तकनीक नवाचार और तकनीक हस्तांतरण को बताया अहम प्रो. करंदीकर ने बताया कि ब्लाकचेन, रक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, क्लीन टेक, ग्रीन टेक, एग्री टेक और फिनटेक का प्रयोग कर हमारे इन्क्यूबेशन सेंटर ने स्टार्टअप को बढ़ावा दिया है।

जीन थेरेपी, अक्षम सहायता, मेडिकल तकनीक के क्षेत्र में ऐसे कार्य किए गए जिन्होंने समाज पर अपनी छाप छोड़ी है। तकनीक को पेटेंट कराकर उन्हें बाजार तक सुरक्षित पहुंचाने में नवाचार केंद्र का प्रबंधन काम आया है। जो भी तकनीक विकसित हुई उसे समय से पेटेंट कराया गया इससे स्टार्टअप को भी लाभ मिला है। 2022 में 109 और अब तक 950 पेटेंट दाखिल हुए हैं।

जीन थेरेपी तकनीक को रिलायंस लाइफ साइंसेस को हस्तांतरित करना एक महत्वपूर्ण कदम है। उद्यमिता को बढ़ावा देने और तकनीक के वाणिज्यकरण में नवाचार हमारा सबसे बड़ा हथियार बना है। इसके लिए नवाचार केंद्र के प्रभारी प्रो. अंकुश शर्मा, डा. निखिल अग्रवाल और उनकी पूरी टीम बधाई की पात्र है।

एनआइआरएफ रैंकिंग: आइआइटी कानपुर को ऐसे मिला स्थान

01 नवाचार
04 इंजीनियरिंग
04 मैनेजमेंट
05 सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान
06 शोध