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फर्जी कॉल सेंटर के जरिए करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का राजफाश, नौ गिरफ्तार

कॉल सेंटर से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरफ्तार झारखंड से साइबर सेल और हजरतगंज की संयुक्त टीम ने दबोचा तीन लाख रुपये बरामद।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 07:26 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 07:38 AM (IST)
फर्जी कॉल सेंटर के जरिए करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का राजफाश, नौ गिरफ्तार

लखनऊ, जेएनएन। गिरोह बनाकर लोगों से गाढ़ी कमाई हड़पने वाले नौ जालसाजों को साइबर क्राइम सेल और हजरतगंज पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए सभी आरोपित झारखंड के रहने वाले हैं और वहीं से अपना रैकेट चला रहे थे। गिरोह ने हाल में ही एक सेवानिवृत्त समीक्षा अधिकारी से 53 लाख रुपये की ठगी की थी। इस मामले में हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज की गई थी। छानबीन के दौरान पुलिस टीम को सफलता हाथ लगी है।

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पकड़े गए आरोपितों ने सेवानिवृत्त समीक्षा अधिकारी प्रभाकर प्रसाद को फोन कर झांसे में लिया था और उनकी एफडी पर लोन करा लिया था। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह फर्जी कॉल सेंटर बनाकर लोगों को फोन करते थे। लोगों से रुपये हड़पने के बाद उसे अलग-अलग बैंक खातों में स्थानांतरित कर देते थे। छानबीन में सामने आया है कि आरोपितों ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, हरियाणा व उत्तर प्रदेश में अलग-अलग बैंकों के फर्जी खातों में रुपये स्थानांतरित किए हैं। इसके अलावा गिरोह ने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन भी किया था, जिनमें ई वॉलेट जैसे पेटीएम, फोन पे, गूगल पे, अमेजॉन पे, फ्लिपकार्ट, एयरटेल मनी समेत अन्य शामिल हैं।

ये हुए गिरफ्तार

पुलिस ने झारखंड के देवघर व दुमका में छापेमारी कर सभी आरोपितों को दबोच लिया। इनमें सालजोरा बन्दरी थाना सरैयाघाट दुमका निवासी रूपक कुमार मंडल, गांव के ही गोपाल मंडल और उसका भाई लल्लन, प्रमोद कुमार मंडल, नीरज मंडल, घोरमारा मोहनपुर देवघर निवासी योगानंद प्रसाद, बैजनाथ पुर निवासी रंजीत मंडल, गुठियाबाड़ा निवासी हरिहर मंडल और ग्राम बांक निवासी राहुल आर्या शामिल हैं।

पेंशन धारक निशाने पर

एसीपी साइबर सेल विवेक रंजन राय के मुताबिक गिरोह मुख्य रूप से पेंशन धारकों को निशाना बनाता था। ऐसे लोग जिन्हें ऑनलाइन बैंकिंग के बारे में जानकारी कम होती है, उन्हें जालसाज फोन कर झांसे में लेते हैं। गिरोह ने कई राज्यों में लोगों से ठगी की है, जिनपर छत्तीसगढ़ के कई जिलों में एफआइआर दर्ज है। गिरोह के सरगना प्रमोद, राजेश और सुमन वर्ष 2012 से सक्रिय हैं, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। तीनों 15 से 20 मोबाइल फोन रखते हैं और घर से दूर जंगल मे बैठकर लोगों को फोन करते हैं ताकि उनकी लोकेशन का पता न चल सके।

गैंगेस्टर एक्ट में होगी कार्यवाही

पुलिस आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्यवाही की तैयारी कर रही है पुलिस का कहना है कि आरोपितों ने अभी तक करीब तीन करोड़ रुपये की ठगी की है और उस रकम से जमीन, मकान व गाड़ियां खरीदे हैं। पुलिस आरोपितों की संपत्ति जब्त करने की कार्यवाही भी करेगी। आरोपितों के पास से सेवानिवृत्त पेंशनर व ग्रेच्युटी प्राप्त करने वाले लोगों तथा कई अधिकारियों के नाम और नंबर के पीडीएफ फाइल मिले हैं, जिसके जरिए वह लोगों को फोन कर झांसे में लेते थे।


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