NIA टीम को माननीयों की कुर्सी के नीचे मिले पान मसाला के पाउच
एनआइए की टीम ने कल रात के बाद आज भी विधान सभा हाल की चेकिंग की। एक-एक सीट की चेकिंग के दौरान माननीयों की करतूत सामने आने लगी है।
लखनऊ (जेएनएन)। विधान मंडल के सत्र के दौरान कल विधान भवन के मुख्य हाल में मिले विस्फोटक के बाद आज नेशनल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी (एनआइए) की टीम ने चेकिंग अभियान शुरू किया है। इस दौरान टीम को माननीयों की सीट तथा कुशन के नीचे पान मसाला तथा खैनी के पाउच मिले हैं।
विधान सभा में पेंटा इरिथ्रीटॉल टेट्रा नाइट्रेट (पीईटीएन) पाउडर की बरामदगी के बाद की तफ्तीश ने योगी आदित्यनाथ सरकार की सुरक्षा-स्वच्छता संकल्प की परतें भी उधेड़ दी हैं। प्रतिबंध के बावजूद 'माननीय सदस्य' गुटखा और तंबाकू सदन में ले जाते रहे। पड़ताल में सदस्यों की कुर्सियों के नीचे ढेरों रैपर मिले हैं जिन्हें एटीएस ने कब्जे में ले लिया है।
सदन के अंदर 12 जुलाई को पीईटीएन रखे जाने की सच्चाई सामने आने के बाद तफ्तीश कर रहे एटीएस अधिकारियों ने शनिवार को परिसर के चप्पे-चप्पे की तलाशी कराई। इस दौरान एक-एक कुर्सी के हत्थे के नीचे और सीट के कुशन को देखा गया। कई कुर्सियों के हत्थे में गुटखा और तंबाकू के रैपर फंसे थे। गौरतलब है कि सदन के भीतर तंबाकू, गुटखा ले जाना वर्जित है। चूंकि विधायकों की तलाशी नहीं होती इसलिए वह उसे आसानी से भीतर ले जाते रहे।
एनआइए की टीम ने कल रात के बाद आज भी विधान सभा हाल की चेकिंग की। एक-एक सीट की चेकिंग के दौरान माननीयों की करतूत सामने आने लगी है। आज कहीं पर भी कोई विस्फोटक को नहीं मिला, लेकिन सदन में विधायक तथा मंत्रियों की सीट तथा सीट के कुशन के नीचे पान मसाला के तमाम खाली पाउच के साथ ही खैनी की पुडिय़ा तथा चूना मिला है। यह सब कुशन और सीट के बीच में ही फंसा था।
मुख्यमंत्री का ओहदा संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने कार्य की शुरूआत सफाई अभियान के साथ की थी। इसके बाद मंत्री, विधायकों को सुरक्षा-स्वच्छता का संकल्प दिलाया गया था। सचिवालय प्रशासन ने तो परिसर में पान-तंबाकू खाने वालों पर जुर्माना लगाने का आदेश भी जारी किया था।
कुर्सी नंबर-80 से फिर उठाए नमूने
विधान मंडप की तलाशी के दौरान एटीएस अधिकारियों ने कुर्सी नंबर-80 की कुर्सी के कुशन व उसकी गद्दी की नए सिरे से जांच की, जिसमें पहले दिन छूट गए 'चीनी जैसे सफेद पाउडर' का नमूना फिर उठाया गया। एटीएस अधिकारियों का कहना है कि यह पाउडर चीनी जैसा है, ऐसे में उठाते समय उसके कुछ दाने छूट गए थे, जिसे दोबारा सील बंद किया गया है। इसे जांच के लिए विशेषज्ञ जांच एजेंसी को भेजा जाएगा।
मैग्नीशियम सल्फेट से विस्फोटक की चर्चा फैली
एटीएस की छानबीन के दौरान दूसरे तल के बाथरूम के पास मैग्नीशियम सल्फेट की एक बोतल बरामद हुई। फटे हुए कपड़े में लपटी इस बोतल पर जून 2006 लिखा था। इससे यह अफवाह फैल गई कि विधान मंडप से और भी विस्फोटक बरामद हुआ है। हालांकि कुछ देर के अंदर ही एटीएस ने लिखित बयान जारी किया कि बरामद वस्तु विस्फोटक नहीं, मैग्नीशियम सल्फेट है, जिसका संभवत: सफाई में उपयोग किया गया होगा। किन्हीं कारणों से ऐसे स्थान पर रख दिया गया, जहां सामान्य लोगों की नजर नहीं जाती है।
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दिनभर चली जांच-पड़ताल
सचिवालय में कल अवकाश होने के बाद भी सचिवालय का मुख्य भवन खुला रहा है और जांच एजेंसियां दिन भर पड़ताल करती रहीं। अग्निशमन अधिकारियों ने दो चक्रों में मॉक ड्रिल की और आग से बचाव के अपने उपकरणों का परीक्षण किया।
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एसटीएस के कमांडो ने एसपी प्रभाकर चौधरी की अगुआई में आकस्मिक स्थितियों से निपटने की ड्रिल की। राहत एवं बचाव के उपायों का परीक्षण किया। जबकि एसपी उमेश श्रीवास्तव के नेतृत्व वाली टीम संबंधित पक्षों से पूछताछ करती रही।
देखें तस्वीरें: लखनऊ में विधान भवन की सुरक्षा को दी गई मजबूती
इन लोगों से हुई पूछताछ
सहायक मार्शल जोगिंदर सिंह पुंडीर, सिपाही अशोक यादव, सहायक अभियंता अखिलेश कुमार, अवर अभियंता वीरेंद्र दुबे, अवर अभियंता यतींद्रनाथ सिंह, एसी ऑपरेटर गुलफाम, अवर अभियंता सुरेश कुमार दुबे, मुख्य आरक्षी राकेश कुमार सिंह, व्यवस्थापक सुरेश कुमार राजभर, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजकुमार पाल, अनिल कुमार, मनोज कुमार, शमीम अब्बासी, विनय मिश्र, हनीफ और मदन वाल्मीकि।