कुंभ के बाद कचरा निस्तारण न होने पर एनजीटी नाराज, जवाबदेही तय करने के निर्देश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने यूपी के मुख्य सचिव को कुंभ मेले के बाद प्रयागराज में जमा कचरे का निस्तारण तत्काल करने के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ, जेएनएन। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने यूपी के मुख्य सचिव को कुंभ मेले के बाद प्रयागराज में जमा कचरे का निस्तारण तत्काल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इस संबंध में अफसरों की जवाबदेही तय करने के लिए कहा है। एनजीटी ने मुख्य सचिव को इसके लिए जिम्मेदार अफसरों को चिह्नित कर 26 अप्रैल को अगली सुनवाई में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
एनजीटी ने इस मामले का संज्ञान न्यायमूर्ति अरुण टंडन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के आधार पर लिया है। एनजीटी ने कहा कि क्षेत्र की स्थिति चिंताजनक है और महामारी फैलने की आशंका है। इसलिए यहां सॉलिड वेस्ट प्रबंधन के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाए जाएं। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कचरा निस्तारण की किस अफसर की जिम्मेदारी थी इसकी जवाबदेही जमीनी स्तर पर तय होनी चाहिए।
ट्रिब्यूनल ने कहा कि रिपोर्ट में पेश की गई तस्वीरों को देखने से ऐसा लगता है कि सीवेज के गंदे पानी के उपचार, नालियों का सुधार व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के कार्य तत्काल जरूरी हैं। न्यायमूर्ति अरुण टंडन की रिपोर्ट में कहा गया है कि नदी के पास ही अरैल की ओर विभिन्न शिविरों में बड़ी संख्या में शौचालयों का निर्माण किया गया है। राजापुर एसटीपी में जो सीवेज जा रहा है वह क्षमता से अधिक है। ऐसे में राजापुर नाला केवल 50 प्रतिशत निस्तारण ही कर रहा है। शेष 50 प्रतिशत गंदगी गंगा नदी में बिना उपचार के बहाई जा रही है।
29 एमएलडी क्षमता वाला सलोरी एसटीपी संतोषजनक ढंग से काम नहीं कर रहा था। यहां सीवेज क्षमता से अधिक था। बीओडी स्तर 47 मिलीग्राम प्रति लीटर था। जियो ट्यूब भी संतोषजनक ढंग से काम नहीं कर रहा था। न्यायाधिकरण ने पहले ही कुंभ मेले के दौरान उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रयागराज में पर्यावरण की निगरानी करने के निर्देश दिए थे। एनजीटी ने आम लोगों को जागरूक करने के लिए भी कहा था। इन सबके बावजूद प्रयागराज में कुंभ के बाद यह स्थिति है।