अब नए भवनों का आनलाइन कर सकेंगे टैक्स निर्धारण, लखनऊ नगर निगम जल्द लान्च करेगा साफ्टवेयर
भवन स्वामियों को अब कर निर्धारण कराने के लिए नगर निगम आने की जरूरत नहीं पड़ेगी जिनके भवन का अभी कर निर्धारण नहीं हो पाया है। नगर निगम की बेवसाइट पर जाकर ही अपने भवन का कर निर्धारण करने का लाभ मिलेगा और वह भुगतान भी आनलाइन जमा कर सकेंगे।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। उन भवन स्वामियों को अब कर निर्धारण कराने के लिए नगर निगम आने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिनके भवन का अभी कर निर्धारण नहीं हो पाया है। ऐसे भवन स्वामियों को नगर निगम की बेवसाइट पर जाकर ही अपने भवन का कर निर्धारण करने का लाभ मिलेगा और वह भुगतान भी आनलाइन जमा कर सकेंगे। इतना ही नहीं भवन कर चोरी रोकने के लिए अब भवन की जीपीएस फोटो भी लगेगी, जिससे पता चल सकेगा कि भवन कितने क्षेत्रफल में हैं और कितने मंजिल का है। यह भी पता चल सकेगा कि आवासीय भवन में व्यावसायिक गतिविधि तो नहीं हो रही है।
इससे एक तो नगर निगम में भवन कर में चोरी पर लगाम लगेगी तो दूसरी तरफ कर निर्धारण विभाग के कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक की दुकानदारी भी बंद हो सकेगी। नगर निगम जल्द ही इस नई व्यवस्था को लाने जा रहा है। नगर निगम के राजस्व निरीक्षकों को इसका परीक्षण भी दिया गया, जिससे अगर कोई भवन स्वामी जानकारी करने आए तो उसे बताया जा सके। परीक्षण का काम पूरा होने के साथ ही आए सुझावों पर अब नगर निगम आनलाइन कर निर्धारण के प्रारूप में जीपीसी से भवन का फोटो अपलोड करने का कालम भी जोडऩे जा रहा है।
इन नई व्यवस्था से भवन कर के दायरे से नहीं आए भवन स्वामियों को भी राहत मिलेगी। नगर निगम में शामिल 88 गांवों में अभी भवन कर निर्धारण करने पर रोक है। यह रोक तब तक है, जब तक नगर निगम वहां विकास नहीं कराता है। भविष्य में नगर निगम अगर इन गांवों में विकास कराता है तो वहां के निवासियों को कर निर्धारण कराने के लिए नगर निगम में नहीं दौडऩा पड़ेगा।
नगर निगम के एक अधिकारी के मुताबिक, आनलाइन कर निर्धारण करने और बिल जमा करने का साफ्टवेेयर तैयार हो गया है, जिसका परीक्षण चल रहा है। जल्द ही इसकी लाचिंग की जाएगी। नगर निगम में अभी 5.91 लाख भवन कर के दायरे में आ गए हैं लेकिन अभी सवा तीन लाख भवन स्वामी ही कर जमा कर करते हैं।