Move to Jagran APP

लचर तफ्तीश से दफन हो रहे हैं हत्याओं के राज, क्राइम सिटी बनी लखनऊ

महिला अपराध पर नहीं लग रहा अंकुश महिला का टुकड़ों में शव मिलने से कृष्णानगर पुलिस की विफलता उजागर।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 09:08 AM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 08:39 AM (IST)
लचर तफ्तीश से दफन हो रहे हैं हत्याओं के राज, क्राइम सिटी बनी लखनऊ
लचर तफ्तीश से दफन हो रहे हैं हत्याओं के राज, क्राइम सिटी बनी लखनऊ

लखनऊ, [शोभित मिश्र]। महिला सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता में है, लेकिन राजधानी पुलिस उसमें पलीता लगाने में जुटी है। गोसाईंगंज में महिला की हत्या करके सूटकेस में शव मिलने की वारदात का अभी राजफाश भी नहीं हुआ और कृष्णानगर में बदमाशों ने एक और महिला का शव टुकड़ों में फेंककर पुलिस को एक बार फिर खुली चुनौती दी है। घटना से कृष्णानगर पुलिस की एक बार फिर नाकामी साबित हुई।

loksabha election banner

पुलिस के लिए यह कोई पहला मामला नहीं है। बीते वर्षो में हुई महिलाओं के साथ ऐसी कई बड़ी वारदातें लचर तफ्तीश के चलते ठंडे बस्ते में ही हैं। पुलिस अभी तक महिलाओं की शिनाख्त तक नहीं कर सकी। जीपीएस सिस्टम से लैस वाहन, विश्वस्तरीय मॉर्डन पुलिस कंट्रोल रूम, अत्याधुनिक हथियार और जगह-जगह सीसी कैमरे से निगरानी करने के बावजूद अगर पुलिस अपराधियों तक नहीं पहुंच पा रही तो सरकार द्वारा पुलिस को दी जाने वाली सुविधाओं का क्या लाभ।

 मोहनलालगंज कांड और गौरी हत्याकांड से पुलिस पहले ही करा चुकी है फजीहत
मोहनलालगंज के बलसिंहखेड़ा स्थित प्राथमिक विद्यालय में 16 जुलाई 2014 को महिला की दरिंदगी के बाद हत्या कर दी गई थी। उसका निर्वस्त्र शव स्कूल परिसर से बरामद हुआ। पुलिस ने मुख्य हत्यारोपित गार्ड रामसेवक को जेल भेजा था। खुलासे पर भी कई सवाल उठे। इसी तरह गौरी हत्याकांड में भी पुलिस की खूब किरकिरी हुई थी। मामले में भी पुलिस ने हत्यारोपित हिमांशु और अनुज को गिरफ्तार कर राजफाश का दावा किया था, लेकिन हत्यारोपितों के घरवालों ने ही सीबीबाइ जांच की मांग कर पुलिस की पूरी थ्योरी पर सवाल उठा दिये थे।

इन घटनाओं का पुलिस अभी तक नहीं कर सकी राजफाश

  • चार दिसंबर 2015 को मड़ियांव में दो महिलाओं के धड़ और सीतापुर में सिर मिले थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में महिला के हत्या और दुष्कर्म की पुष्टि हुई। तीन साल बाद डीएनए रिपोर्ट आई, जिसमें सिर और धड़ का मिलान नहीं हो सका। सीतापुर पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाकर केस की फाइल बंद कर दी। लखनऊ क्राइम ब्रांच विवेचना कर रही है, लेकिन महिलाओं की शिनाख्त की नहीं हो सकी।
  • 29 जुलाई 2015 को निगोहां के जंगल में 26 वर्षीय महिला का शव मिला। पोस्टमॉर्टम में महिला की गोली मारकर हत्या की पुष्टि हुई। हत्यारों का पता लगाने की बात तो दूर पुलिस महिला की अभी तक शिनाख्त ही नहीं कर सकी है।
  • नौ अगस्त 2015 को बीकेटी थाना क्षेत्र में हाइवे के किनारे 35 वर्षीय विवाहिता का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम में हत्या की पुष्टि हुई थी। अभी तक महिला की शिनाख्त नहीं हो सकी।
  • 21 जनवरी 2019 को इकाना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पास शहीद पथ के किनारे जंगल में एक महिला की हत्या कर शव सूटकेस में बंद कर फेंक दिया गया। उसके अंगों पर जले के निशान थे।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.