NEET UP Results 2020 : मेधावियों ने मारी बाजी, अब डॉक्टर बनने का सपना होगा साकार
NEET UP Results 2020 एनटीए ने जारी किया नीट 2020 का परिणाम। काउंसलिंग के वक्त छात्रों के लिए कोरोना टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य करने पर मंथन। देशभर के करीब 15.97 लाख अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था। वहीं 90 फीसद के करीब अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए।
लखनऊ, जेएनएन। NEET UP Results 2020 : राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा ( नीट ) का परिणाम घोषित कर दिया गया है। इसमें शहर के मेधावियों ने भी बाजी मारी है। कई छात्रों की वर्षों की मेहनत रंग लाई। किसी ने पहली बार में ही मुकाम हासिल कर लिया। ऐसे में अब उनका डॉक्टर बनने का सपना साकार हो सकेगा।
बता दें, नीट परीक्षा 13 सितंबर को हुई थी। वहीं, 14 अक्टूबर को उन छात्रों का परीक्षा के अवसर दी गए, जो कोरोना संक्रमित व कंटेंटमेंट जोन में थे। परीक्षा के लिए देशभर के करीब 15.97 लाख अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था। वहीं, 90 फीसद के करीब अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए।
वेबसाइट पर जूझते रहे अभ्यर्थी
शुक्रवार शाम को जारी हुए परिणाम के लिए वेबसाइट पर अभ्यर्थियों को काफी देर तक जूझना पड़ा। काफी देर तक वेबसाइट ओपन नहीं हो सकी। वह एक-दूसरे से फोन कर परिणाम की जानकारी लेते दिखे। वहीं, वेबसाइट ओपेन होते ही अभिभावकों में भी खुशी छा गई। कई में जहां शहर के केजीएमयू व लोहिया संस्थान में ही बच्चे के दाखिले की उम्मीद जगी। कुछ ने प्रदेश के बाहर के कॉलेजों में भी दाखिला लेने की इच्छा जताई। मेधावी के काउंसलिंग के जरिए सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस व बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिला ले सकेंगे। वहीं काउंसलिंग के वक्त कोरोना टेस्ट के रिपोर्ट कराने को लेकर लोहिया संस्थान व केजीएमयू में मंथन चल रहा है।
डॉक्टरों के गले में आला पड़ा देखकर बहुत अच्छा लगता था (दीपक मिश्र, श्रीवास्ती भंगहा)
डॉक्टरों के गले में आला पड़ा देखकर मुझे बड़ा अच्छा लगता था। बचपन से ही जब तबियत खराब होने पर पिता और मां डॉक्टर के पास लेकर जाते थे तो उन्हें देखकर मुझमें भी डॉक्टर बनने की प्रबल इच्छा हुई। फिर धीरे-धीरे बड़ा हुआ और पढ़ाई की। तब इसके बारे में जानकारी हुई। अब कॉडियोलॉजिस्ट बनने का सपना है। पिता अखिलेश कुमार मिश्र अधिवक्ता हैं। तैयारी के दौरान मैं खदरा में एक कमरा किराए पर लेकर रहता था। रोजाना करीब आठ घंटे पढ़ाई करता था। कोचिंग में पढ़ाए गए चेप्टर का अच्छे से अभ्यास करता था।
सेल्फ स्टडी ने दिलाई सफलता (मुराद अली, लखीमपुर खीरी कोटवारा)
आठ घंटे की कड़ी मेहनत और कोचिंग में पढ़ाए गए चेप्टर का घर पर आकर छह से आठ घंटे रिवीजन करना। यही मेरी सफलता का कारण है। सफलता सेल्फ स्टडी से ही मिलती है। यह कहना है लखीमपुर के कोटवारा निवासी मुराद अली का। मुराद की आल इंडिया 2329 रैंक आई है। उन्होंने बताया कि 720 में उनके 660 नंबर आए हैं। उनके पिता किसान है। बचपन से ही डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करने का सपना है। मुराद बताते हैं कि आज उनका वह सपना पूरा होते दिख रहा है। वह बहुत खुश हैं।
शिक्षकों के मार्गदर्शन और रिवीजन ने दिलाई सफलता (एकता ठाकुर, लविवि ओल्ड कैंपस)
शिक्षकों के मार्गदर्शन और घर पर पाठ्य विषयों के लगातार अभ्यास से सफलता मिली। यह कहना है लविवि ओल्ड कैंपस निवासी अंकिता ठाकुर का। अंकिता बताती हैं कि वह घर पर करीब आठ घंटे पढ़ाई करती थीं। पढ़ाई में उनकी मां गीता ठाकुर बहुत मदद करती थीं। मां लविवि की लॉ फैकेल्टी में कार्यरत हैं। अंकिता की ऑल इंडिया 3639 रैंक रही। उनके 651 नंबर आए हैं। अंकिता बताती हैं कि कोलकाता में उनके चचेरे भाई सौरभ ठाकुर डॉक्टर हैं। उन्हीं से उन्हें डॉक्टर बनने की प्रेरणा मिली और उन्होंने तैयारी शुरू कर दी।