बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए योजनाओं को जमीन पर उतारने की जरूरत
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने पिछली सरकार के दौरान अपेक्षित बिजली सुधार न होने की जानकारी दी और दावा किया कि भाजपा कार्यकाल में इसमें तेजी आई है।
लखनऊ (जेएनएन)। केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह ने पिछली सपा सरकार के दौरान प्रदेश में अपेक्षित बिजली सुधार न होने की जानकारी देते हुए दावा किया कि बीते एक वर्ष में भाजपा सरकार के कार्यकाल में इसमें तेजी आई है। हालांकि अब भी प्रदेश में विद्युत पारेषण व आपूर्ति तंत्र के कमजोर होने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इसके लिए रकम दी है, अब योजनाओं को जमीन पर उतारने की जरूरत है। केंद्र सरकार के चार साल पूरे होने पर केंद्रीय मंत्री सिंह अपनी उपलब्धियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दिल्ली सहित कई राज्यों के पत्रकारों से मुखातिब थे।
गांव तक बिजली कनेक्शन पहुंचाना चुनौती
लखनऊ में योजना भवन में आयोजित कॉन्फ्रेंसिंग में उन्होंने बताया कि आबादी और क्षेत्र के लिहाज से विशालकाय उत्तर प्रदेश के अविद्युतीकृत गांव-मजरों व घरों तक बिजली कनेक्शन पहुंचाना चुनौती थी, जबकि प्रदेश में विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल करके ही राष्ट्रीय लक्ष्य को पूरा किया जा सकता था। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहले के वर्षों में उतने काम नहीं हो पाए, जितने होने चाहिए थे, लेकिन बीते एक साल में इसमें तेजी आई है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रदेश में नई बिजली लाइनें व उपकेंद्र बनाने तथा ट्रांसफार्मर लगाकर क्षमता बढ़ाने के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत 6946 करोड़ रुपये और इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम (आइपीडीएस) के तहत 5320 करोड़ रुपये प्रदेश को दिए गए हैं। इस रकम से प्रदेश की आपूर्ति व पारेषण व्यवस्था मजबूत होने की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि यदि जरूरत हुई तो केंद्र सरकार और मदद करेगी।
चार जगह बनेंगे सोलर पावर पार्क
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने बताया कि केंद्र को प्रदेश सरकार से यहां बुंदेलखंड में जालौन, इलाहाबाद में मेजा, मीरजापुर में छानबे और कानपुर देहात में सोलर पार्क लगाने का प्रस्ताव मिला है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में जमीन की उपलब्धता के साथ सौर ऊर्जा की क्षमता भी है। यदि राज्य से और प्रस्ताव मिलेंगे तो उस पर भी विचार किया जाएगा। सिंह ने बताया कि बुधवार को इस बाबत राज्यों के साथ उनकी बैठक प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि पुराने थर्मल प्लांट में अधिक हीट रेट वाली मशीनों को बदला जा रहा है।