Move to Jagran APP

National Doctors day 2022: ये हैं लखनऊ के ऐसे डाक्‍टर्स जिनकी पीढ़ियों में चिकित्‍सा दौड़ती है

National Doctors day 2022 पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री और प्रसिद्ध फिजीशियन भारत रत्न डा. बिधान चंद्र राय की जयंती के अवसर पर प्रतिवर्ष एक जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारे आसपास ऐसे भी चिकित्सक हैं जिन्हें चिकित्सा सेवा उनकी पीढ़ियों से मिली है।

By Vrinda SrivastavaEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 07:34 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 03:15 PM (IST)
प्रसिद्ध फिजीशियन भारत रत्न डा. बिधान चंद्र राय की जयंती को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाया जाता.

रामांशी मिश्रा, लखनऊ। पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री और प्रसिद्ध फिजीशियन भारत रत्न डा. बिधान चंद्र राय की जयंती के अवसर पर प्रतिवर्ष एक जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारे आसपास कई ऐसे भी चिकित्सक हैं जिन्हें चिकित्सा सेवा उनकी पीढ़ियों से मिली है। खास बात यह है कि वह अपनी अगली पीढ़ी को भी इसी सेवा में भेजने को तत्पर हैं।

loksabha election banner

डा. राजीव अग्रवाल : मुजफ्फरनगर निवासी स्वर्गीय डा. भगतराम अग्रवाल की चार पीढ़ियां अब तक चिकित्सा सेवा में अपना नाम रोशन कर चुकी हैं। मुजफ्फरनगर से लखनऊ की ओर कूच कर आए डा. भगतराम के बेटे डा. रमेश चंद्र अग्रवाल किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के प्रिंसिपल रह चुके हैं। डा. रमेश चंद्र की पत्नी डा. पदम कुमारी केजीएमयू के पैथोलाजी विभाग में कार्यरत रह चुकी हैं। वर्तमान में वह विवेकानंद पालीक्लिनिक में अपनी सेवाएं दे रही हैं। डा. रमेश चंद्र के बेटे डा. राजीव अग्रवाल संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (एसजीपीजीआई) में प्लास्टिक सर्जरी विभाग में कार्यरत हैं तो वहीं दूसरे बेटे डा. संजीव अग्रवाल यूनाइटेड किंगडम में हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं।

डा. राजीव अग्रवाल की पत्नी डा. तूलिका चंद्रा केजीएमयू के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष हैं। वहीं डा. संजीव की पत्नी डा. ज्योति यूके में ही रेडियोलाजिस्ट हैं। डा. राजीव की बड़ी बेटी डा. देवीशा, छोटी बेटी डा. मल्लिका और अब बेटा ऋषभ भी चिकित्सा सेवा कार्यों में खुद को दक्ष बना रहे हैं।

डा. पंकज श्रीवास्तव : डालीगंज में हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. पंकज श्रीवास्तव की तीन पीढ़ियां चिकित्सा सेवा में लगी हुई हैं। डा. पंकज के पिता केजीएमयू में हड्डी रोग विभाग में ही आर्थो असिस्टेंट के रूप में कार्यरत रहे। इसके बाद डा. पंकज और उनकी पत्नी डा. ममता भी चिकित्सा सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं। वही डा. पंकज के बेटे पाठ श्रीवास्तव एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर रहे हैं।

डा. संजीव मिश्रा : एम्स जोधपुर के वर्तमान निदेशक डा. संजीव मिश्रा के परिवार में भी चिकित्सा पीढ़ियों से चली आ रही है। डा. संजीव के दादाजी डा. आर आर मिश्रा 1920 के दशक में केजीएमयू से पढ़े हैं। उनके पिता डा. एमसी मिश्रा केजीएमयू में सर्जरी और सर्जिकल आंकोलाजी विभाग में अध्यक्ष रह चुके हैं। उनकी मां डा. पीके मिश्रा केजीएमयू की प्रिंसिपल रह चुकी हैं। वहीं, डा. संजीव की पत्नी डा. आस्था नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। अब डा. संजीव की बेटी राधिका एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर आगे की पढ़ाई की तैयारी कर रही हैं।

डा. संजीव झा : एसजीपीजीआई में न्यूरोलाजी के विशेषज्ञ डाक्टर संजीव झा के पिता डा. महिपत 1945 में केजीएमयू के एनाटामी विभाग में कार्यरत रहे हैं। उनकी पत्नी डा. अनुराधा प्रसूति विशेषज्ञ हैं। उनकी बेटी डा. राशि में मनोचिकित्सा में दक्षता हासिल की है तो वही बेटे शिवांग ने 2012 में केजीएमसी में कार्य शुरू किया है। डा. शिवांग की पत्नी डा. साक्षी भी केजीएमयू में कार्यरत हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.