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    यूपी के सभी मदरसों में अब राष्ट्रगान अनिवार्य, दीनियात के प्रश्नपत्रों को कम कर जोड़े गए आधुनिक विषय

    योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा मदरसों में सुधार के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डा. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में गुरुवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें कई अहम निर्णय लिए गए।

    By Umesh TiwariEdited By: Updated: Fri, 25 Mar 2022 02:50 PM (IST)
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    मदरसा शिक्षकों के बच्चे कहां पढ़ते हैं, बोर्ड कराएगा सर्वे।

    लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने राज्य के सभी मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य कर दिया है। 11 मई से शुरू होने वाले नए शिक्षण सत्र में कक्षाएं प्रारंभ होने से पहले अन्य दुआओं के साथ ही राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य होगा।

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    इसके अलावा अब मदरसा बोर्ड के पाठ्यक्रम को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए दीनियात (धर्म संबंधी) के प्रश्नपत्रों को कम कर आधुनिक विषयों को जोड़ दिया है। अब दीनियात के चार के बजाय केवल एक प्रश्नपत्र होगा। सेकेंड्री (मुंशी/मौलवी) में अरबी व फारसी के साथ-साथ दीनियात को शामिल करते हुए केवल एक पेपर होगा। इसके अलावा हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान के प्रश्नपत्र अलग-अलग होंगे।

    योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा मदरसों में सुधार के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डा. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में गुरुवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें कई अहम निर्णय लिए गए। मदरसा बोर्ड में अब छह प्रश्नपत्रों की परीक्षा होगी। बेसिक शिक्षा परिषद की तर्ज पर कक्षा एक से आठ तक के पाठ्यक्रम में दीनियात के विषय के अतिरिक्त हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान के प्रश्नपत्र होंगे।

    मदरसों में घटती छात्र संख्या पर भी बैठक में चिंता जताई गई। साथ ही तय किया गया कि जिन मदरसों में छात्र कम हैं और शिक्षक अधिक हैं वहां के शिक्षकों को दूसरे मदरसों में समायोजित किया जाएगा। बैठक में सदस्यों ने कहा कि बहुत से मदरसा शिक्षक ऐसे हैं जो अपने बेटे-बेटियों को कान्वेंट स्कूल में पढ़ाते हैं जबकि अन्य को मदरसा शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करते हैं। मान्यता प्राप्त मदरसों के शिक्षकों व कर्मचारियों के पुत्र-पुत्रियां कहां पढ़ रहे इस बारे में मदरसा बोर्ड सर्वे कराएगा।

    बोर्ड बैठक में तय हुआ कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत संचालित मदरसों की शैक्षिक गुणवत्ता का मूल्यांकन कराया जाएगा। स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों के लिए जो प्रस्ताव आए हैं वह विनियमावली 2016 के अनुरूप हो तो उन्हें स्वीकृत किया जाए अन्यथा वापस भेज दिया जाए। भूमि व भवन के ट्रांसफर संबंधी प्रस्ताव बोर्ड के रजिस्ट्रार निस्तारित करेंगे।

    आगामी सत्र से मदरसों में छात्रों के पंजीकरण आनलाइन कराए जाने की व्यवस्था कराने व आधार आधारित उपस्थिति प्रणाली विकसित करने का निर्णय लिया गया है। शिक्षकों की समय से उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक मदरसे में बायोमैट्रिक उपस्थिति सिस्टम की स्थापना की जाएगी। बैठक में सदस्य कमर अली, तनवीर रिजवी, डा. इमरान अहमद, असद हुसैन के अलावा वित्त एवं लेखाधिकारी आशीष आनन्द व रजिस्ट्रार शेषनाथ पाण्डेय मुख्य रूप से उपस्थित थे।

    14 मई से शुरू होंगी मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं : बोर्ड बैठक में तय हुआ कि मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं 14 मई से शुरू होकर 27 मई तक चलेंगी। रजिस्ट्रार शेषनाथ पाण्डेय परीक्षा समिति से विचार कर विस्तृत कार्यक्रम जारी करेंगे। बोर्ड की वार्षिक परीक्षाएं राज्य के अनुदानित मदरसों व आलिया स्तर के स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों में सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होंगी।

    टीईटी की तर्ज पर मदरसा शिक्षकों के लिए एमटीईटी : मदरसा बोर्ड ने मदरसा शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से योग्य शिक्षकों के चयन के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की तर्ज पर मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एमटीईटी) लागू करने का निर्णय लिया गया। बोर्ड ने रजिस्ट्रार को इसका प्रस्ताव बनाकर शीघ्र शासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। यानी अब मदरसों में रिक्त पदों पर भर्तियां उन्हीं अभ्यर्थियों से की जाएंगी जो एमटीईटी परीक्षा पास होंगे। वर्तमान में करीब 550 मदरसा शिक्षकों के पद रिक्त हैं। एमटीईटी के लागू होने से भर्तियों में भाई-भतीजावाद के आरोप भी नहीं लगेंगे।