राजधानी में भरभराकर ढहा चार मंजिला इमारत का एक हिस्सा, दबे कई वाहन-देर रात तक चला मंथन
हजरतगंज स्थित अशोक मार्ग पर ढहा जर्जर नारंग बिल्डिंग का एक हिस्सा, लगा लंबा जाम। बिल्डिंग में दबे दोपहिया वाहनों को मलबे से निकालने में लगी जेसीबी। नगर निगम ध्वस्त करने की तैयारी में, भवन में 16 परिवार के अलावा सात दुकानों के कर्मचारी थे मौजूद।
लखनऊ(जेएनएन)। अशोक मार्ग स्थित जजर्र घोषित नारंग बिल्डिंग का एक हिस्सा सोमवार देर शाम करीब साढ़े सात बजे ढह गया। हादसे में करीब दर्जन भर दोपहिया वाहन मलबे के नीचे दब गए। जर्जर भवन को देखते हुए नगर निगम ने नारंग बिल्डिंग के एक बड़े हिस्से को ध्वस्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। एसएसपी के मुताबिक, हादसे में कोई व्यक्ति घायल नहीं हुआ है।
जजर्र भवन को देखते हुए पुलिस ने हजरतगंज में रूट डायवजर्न किया है। नारंग बिल्डिंग के भूतल पर शराब की दुकान है, जहा देर शाम लोग खरीदारी कर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दूसरे तल की छत का कुछ हिस्सा सड़क पर गिरा था, जिसके नीचे गाड़िया दब गईं। इसी बीच बिल्डिंग का कुछ हिस्सा भरभराकर गिर गया। बिल्डिंग में 16 किराएदारों के परिवार तथा सात दुकान के कर्मचारी मौजूद थे। राहगीरों ने घटना की सूचना पर हजरतगंज पुलिस के अलावा आइजी सुजीत कुमार पाडेय, एसएसपी, एएसपी पूर्वी व एएसपी ट्रास गोमती समेत तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे। नारंग बिल्डिंग के अलावा आसपास के अन्य जर्जर भवनों को खाली कराने के साथ ही सिकंदरबाग की तरफ जाने वाली लेन को बंद कर दिया गया। सिकंदरबाग की तरफ जाने वाली लेन बंद होने से चारों तरफ जाम लग गया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करके भीड़ को वहा से हटाया। बिल्डिंग की जर्जर स्थित देखकर संबंधित विभाग के अधिकारियों ने उसका एक हिस्सा गिराने की बात कही। किराएदारों का कहना था कि बिल्डिंग का मामूली हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है, भवन को गिराना उचित नहीं है। इसके अलावा बिल्डिंग से उनका सामान निकालने का समय दिया जाए। हजरतगंज पुलिस के मुताबिक नारंग बिल्डिंग का निर्माण 1948 में हुआ था, जिसके मालिक वेद प्रकाश नारंग हैं। बिल्डिंग की जर्जर स्थिति को देखकर नगर निगम ने तीन बार भवन खाली करने की नोटिस चस्पा किया था। 20 जुलाई को नगर आयुक्त कार्यालय की ओर से आखिरी नोटिस चस्पा किया गया था।
जेसीबी से हटाया गया मलबा:
मलबे के नीचे किसी के दबे होने की आशका के मद्देनजर नगर निगम ने जेसीबी बुलाई। जेसीबी ने मलबा हटाकर दबी गाड़िया निकालीं। उधर, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम के विनय तोमर ने बताया कि एक टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
देर रात चला मंथन:
नगर निगम व पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने देर रात तक मंथन किया। इसके बाद इंजीनियर व आर्किटेक्ट से संपर्क किया गया। प्रशासन की अनुमति लेकर देर रात में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू हुई। बिल्डिंग के क्षतिग्रस्त हिस्से को गिराने के लिए क्त्रेन आगे बढ़ी तो उसमें रहने वाले लोग विरोध करने लगे। हंगामा बढ़ता देख पुलिस बल बुला ली गई और अशोक मार्ग को बंद कर दिया गया।
देर रात को भवन गिरता तो कई होते हताहत!
भवन के ऊपरी तल को जो हिस्सा ढहा है, वहा रोजाना रात में कई मजदूर सोते थे। अगर देररात में भवन गिरता तो कई श्रमिक हताहत हो सकते थे। नारंग भवन बिल्डिंग के नीचे सोमवार शाम को भी दुकानदारों और ग्राहकों से गुलजार था। कई लोग मॉडल शॉप व अन्य दुकानों में बैठे बातें कर थे। कुछ तो सामान लेकर बाहर निकल रहे थे। उधर, ऊपरी तल पर किराएदार अपने काम में मशगूल थे। बच्चे टीवी देख रहे थे तो महिलाओं में कोई सब्जी काट रही थीं, कोई चाय बना रहीं थीं। तभी शाम 7.35 बजे अचानक नारंग भवन का एक हिस्सा भरभराकर ढह गया.। तेज आवाज सुनकर निचले व प्रथम तल की दुकानों में भगदड़ मच गई। जैसे भूकंप आ गया हो.लोग चिल्लाते भागे। जबकि ऊपरी तल के किराएदार सहम गए। इस बीच गश्त कर रहे सिपाही राहुल मलिक व बृजेश तोमर ने मलबा गिरता देख शोर मचाया और भागकर बिल्डिंग के भीतर प्रवेश कर गए। सिपाहियों ने अंदर मौजूद लोगों को बाहर निकाला और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसके बाद मलबा हटाकर गाड़िया निकाली गईं।
किराएदारों से कहा था, खाली कर दें :
नारंग बिल्डिंग के मालिक विक्रम सिंह की पत्नी कहती हैं कि सभी किराएदारों को खाली करने का नोटिस दिया जा चुका है। नगर निगम की तरफ से बिल्डिंग को जर्जर घोषित करने के बाद उन्होंने सभी किराएदारों को पत्र भेजा कि वह उसे खाली कर दें। मिसेज विक्त्रम नारंग का कहना है कि उन्होंने नगर निगम समेत जिला प्रशासन और पुलिस को भी यह लिख कर दे रखा है कि अगर जर्जर भवन ढहने से कोई हादसा होता है तो वह इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। उनका कहना है कि पिछले दिनों नगर निगम की तरफ से नोटिस मिलने के बाद किराएदार मरम्मत कराने की तैयारी कर रहे थे, जबकि हकीकत यह है कि बिल्डिंग का ढाचा पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। वह कहती हैं कि कुछ किराएदारों से अदालत में मामला भी लंबित है। देर रात नगर निगम गिरे भाग को पूरी तरह से गिराने में जुटा था। नगर अभियंता-एक कमलजीत सिंह का कहना है कि नारंग बिल्िडग को जर्जर घोषित करते हुए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन किराएदारी और मकान मालिक के बीच अदालत में विवाद लंबित हैं। फिलहाल वहा पर जजर्र हिस्से को गिराया जा रहा है ताकि बाकी हिस्सा सुरक्षित रहे। इसलिए भी थी पहचान:
नारंग बिल्डिंग की पहचान वहा एक हेयर कटिंग की दुकान के रूप में भी थी। इस दुकान पर बाल कटवाने और मसाज कराने के लिए शहर के खास लोग पहुंचते थे। तब हेयर कटिंग की दुकान से नारंग बिल्डिंग चर्चा में थी।