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नैनो टेक्नोलॉजी से पीने लायक बना देंगे समुद्र का खारा पानी

गहराते जल संकट को देखते हुए वैज्ञानिक समुद्र के पानी को पीने योग्य बनाने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। कोशिश है कि समुद्र के पानी को नैनो पार्टीकल्स के जरिए पीने योग्य बनाया जाए।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 18 May 2016 08:42 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2016 08:45 PM (IST)
नैनो टेक्नोलॉजी से पीने लायक बना देंगे समुद्र का खारा पानी

लखनऊ। गहराते जल संकट को देखते हुए वैज्ञानिक समुद्र के पानी को पीने योग्य बनाने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। कोशिश है कि समुद्र के पानी को नैनो पार्टीकल्स के जरिए पीने योग्य बनाया जाए। नेशनल केमिकल लैब (एनसीएल) पुणे के प्रख्यात माइक्रो बायोलॉजिस्ट डॉ. अबसार अहमद ने ये जानकारी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सभागार में आयोजित व्याख्यान में दी। वे खुद इस पर काम कर रहे हैं। 'मानव कल्याण के लिए नैनो टेक्नोलॉजी ' पर डॉ. अबरार ने कहा कि स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा व पर्यावरण के क्षेत्र में बायो टेक्नोलॉजी सबसे उपयोगी सिद्ध हो रहा है। हृदय व नेत्र रोगियों के इलाज में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से कैंसर का इलाज आसान हो जाएगा। समुद्र के पानी को पीने योग्य बनाने पर भी काम चल रहा है। इसके लिए कार्बन पार्टीकल्स तैयार किए गए हैं, जिसकी एक बूंद प्रदूषित पानी को शुद्ध कर सकती है। डॉ. अहमद ने कहा कि एएमयू में में नैनो टेक्नोलॉजी पर हुए काम से वे बहुत प्रभावित हैं। अध्यक्षता करते हुए कुलपति जमीरउद्दीन शाह ने कहा कि उनका प्रयास है कि विश्वविद्यालय में नैनो टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक विकास हो। डॉ. अशरफ ने बताया कि डॉ. अबसार अहमद के 100 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं।

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