नाम गोमती रिवर फ्रंट काम बैक फुट पर
-बदहाल- -बिना देखरेख के सूख रहे विदेशी पेड़-पौधे - फाउंटेन और पैदल पथ तक बदहाल
-बदहाल-
-बिना देखरेख के सूख रहे विदेशी पेड़-पौधे
- फाउंटेन और पैदल पथ तक बदहाल
जागरण संवाददाता, लखनऊ :
पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार का ड्रीम ेप्रोजेक्ट रहा गोमती रिवर फ्रंट बदहाल होता जा रहा है। सैकड़ों करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते शुरू हुई जांच और कार्रवाई की सुई ऐसी घूमी कि जहां जो काम हुआ था, वहीं का वहीं अधूरा रह गया। करीब सात किमी लंबे इस रिवर फ्रंट के दोनों तरफ विदेशों से मंगाकर लगाए गए पेड़-पौधे बिना देखरेख के सूख रहे हैं। कई जगहों पर जानवर उन्हें तहस-नहस कर चुके हैं। सिर्फ समतामूलक चौराहे के पास ही घूमने वाले लोगों को हरियाली नजर आती है। बाकी हर तरफ बदहाली ही नजर आती है।
सूखा फाउंटेन, टूटे पत्थर
बदहाली का आलम यह है कि यहां लाखों रुपये खर्च करके बनाए गए कई फाउंटेन सूखे दिखाई देते हैं तो उनके इर्द-गिर्द के तमाम पत्थर उखड़ चुके हैं। पैदल पथ भी ध्वस्त हो चुका है और उसके पत्थर व ईट गायब हैं। कई जगहों पर घास सूखकर जलने की स्थिति में पहुंच गई है। गड्ढे आने जाने वाले लोगों के लिए चलने में दिक्कत पैदा करते हैं।
उखड़ गई पक्षियों की मूर्तियां
यहां फाउंटेन से कुछ दूरी पर कई जगहों पर लाखों रुपये मूल्य की पक्षियों की आकर्षक और सुंदर मूर्तियां लगाई गई थीं, जो अब उखड़ चुकी हैं। इसके अलावा कई जगहों पर सीढि़यों के पत्थर भी गायब हो चुके हैं। टूटे हुए पत्थर छिपाने के लिए घास से घेर दिया गया है।