मुस्लिम अयोध्या, मथुरा और काशी से दावा छोड़ें-सिंहल
विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंहल ने कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का समाधान कोर्ट के बाहर भी हो सकता है। इसके लिए मुसलमानों को राम जन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि एवं काशी विश्वनाथ पर अपना दावा छोडऩा होगा। उन्होंने कहा कि आस्था के प्रतीक इन स्थलों पर मुसलमानों
लखनऊ। विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंहल ने कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का समाधान कोर्ट के बाहर भी हो सकता है। इसके लिए मुसलमानों को राम जन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि एवं काशी विश्वनाथ पर अपना दावा छोडऩा होगा। उन्होंने कहा कि आस्था के प्रतीक इन स्थलों पर मुसलमानों के दावे से हिंदुओं के मन में गहरी टीस है और मुसलमानों को चाहिए कि वे हिंदुओं की भावना का आदर करें। सिंहल ने इस्लाम के बारे में ङ्क्षचता भी जताई। कहा कि आज इस्लाम पर जिहादी नेतृत्व थोपा जा रहा है।
बुधवार को रामलला का दर्शन कर लौटे हुए सिंहल ने पत्रकारों से वार्ता में अधिग्रहीत परिसर की व्यवस्था पर आक्रोश जताया। कहा कि सरकार 110 गुणे 97 वर्ग फीट के विवादित स्थल के स्टेटस की सीमा को भूल चुकी है और संपूर्ण अधिग्रहीत परिसर पर स्टेटस की व्यवस्था लागू किए हुए है। उन्होंने मांग की कि सरकार स्टेटस की परिधि चिह्नित करे और वहीं उसका पालन कराए, जिसके लिए न्यायालय का निर्देश है।
सिंहल ने पांच जुलाई 2005 को हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इससे परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा होता है। यह विचार किए जाने की जरूरत है कि 10 हजार करोड़ रुपये व्यय कर किए गए सुरक्षा के भारी बंदोबस्त में कहीं न कहीं छेद है। विहिप प्रमुख ने गत दिनों रामजन्मभूमि न्यास की ओर से पेश नौ सूत्रीय मांग को भी दोहराया, जिसमें रामलला के दर्शन की दूरी आधी करने और दर्शन मार्ग को सुविधाजनक बनाए जाने की बात है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के किसी प्रतिनिधि मंडल को इस स्थल का जायजा लेना चाहिए।