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बाराबंकी में सौतेले भाई की भाले से मारकर हत्‍या, सात घंटे बाद पहुंची पुलिस; आरोपित फरार

बाराबंकी में रास्ते के विवाद में एक व्यक्ति ने सौतेले भाई पर लाठी डंडा और भाला से हमला कर मौत के घाट उतार डाला। वारदात के करीब सात घंटे बाद घटना स्थल पर पहुंच सकी पुलिस ने जांच पड़ताल कर शव को पीएम के लिए भेजा।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 12:25 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 02:10 PM (IST)
बाराबंकी में सौतेले भाई की भाले से मारकर हत्‍या, सात घंटे बाद पहुंची पुलिस; आरोपित फरार
रास्ते के विवाद में सौतेले भाई की पीटकर हत्या।

बाराबंकी, संवाद सूत्र। रास्ते के विवाद में एक व्यक्ति ने सौतेले भाई पर लाठी डंडा और भाला से हमला कर मौत के घाट उतार डाला। वारदात के करीब सात घंटे बाद घटना स्थल पर पहुंच सकी पुलिस ने जांच पड़ताल कर शव को पीएम के लिए भेजा। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर कुछ लोगों को हिरासत में लिया है।

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टिकैतनगर थाना के सरयू नदी के उस पार बसे गांव परसावल में रहने वाले मुन्ना यादव और उनके सौतेले भाई पूर्व बीडीसी जंगबहादुर यादव के बीच रास्ते का विवाद चल रहा था। जंगबहादुर अपने घर के सामने से मुन्ना को निकलने से मना करता था। बताया जाता है कि शनिवार शाम करीब छह बजे मुन्ना फिर उसी रास्ते से निकल रहा था तो जंगबहादुर ने उसे रोका। मुन्ना कर विरोध करने पर दोनों में कहासुनी हुई और जंगबहादुर ने लाठी से मुन्ना पर हमला कर दिया। सिर पर चोट लगने से वह गिर गया और जंगबहादुर ने फिर भाला से हमला किया। गंभीर रूप से घायल मुन्ना की मौके पर ही मौत हो गई।

सौतेला रिश्ता : मुन्ना की मां सुगरा के पहले पति नारायण की मृत्यु के बाद उसने बच्चूलाल से विवाह हो गया था। मुन्ना के पुत्र सोनू ने बताया कि मुन्ना व ललई सगे भाई है, जबकि बच्चूलाल के पुत्र जंगबहादुर पिता के सौतेले भाई है। गौरतलब है कि मृतक व आरोपित दोनों की मां एक है जबकि पिता अलग-अलग हैं।

वारदात में कई लोगों के शामिल होने की चर्चा : गांव में चर्चा है कि जंगबहादुर ने अपने एक अन्य भाई व परिवार के दो अन्य युवकों के साथ कुल पांच लोगों ने हमला किया था। हालांकि कोतवाल शशिकांत यादव ने बताया कि हमला केवल जंगबहादुर ने किया था। ललई की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया और शव को पीएम के लिए भेजा गया है।

पांच घंटे बाद पहुंची पुलिस : घटनास्थल नदी के दूसरे छोर पर है नदी के कछार में बसा है। इसलिए पुलिस को सूचना करीब वारदात के दो घंटे बाद हो सकी। इसके बाद मौके पर पहुंचने के लिए पुलिस गोंडा जिले से नाव के जरिए और रेत में करीब तीन किमी चली, जिसके बाद घटनास्थल तक पहुंच सकी।


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