मुन्ना बजरंगीः पहले गोली मारी फिर फोटो खींची और फिर गोली मार दी, तस्वीरें वायरल
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने एडीजी जेल चंद्र प्रकाश को इसकी जांच कराए जाने के निर्देश दिये है।
लखनऊ (जेएनएन)। सोमवार को मुन्ना बजरंगी की बागपत जिला जेल में हुई हत्या के बाद उसके शव की तस्वीरें जेल के बाहर सोशल मीडिया पर कैसे वायरल हुईं, इसे लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। मंगलवार को वायरल शव की एक और तस्वीर में मुन्ना के सीने के पास गोली लगने के दो अतिरिक्त घाव दिख रहे हैं।
इस मामले को प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने एडीजी जेल चंद्र प्रकाश को इसकी जांच कराए जाने के निर्देश दिये है। सोशल मीडिया पर वायरल दूसरी फोटो को लेकर आशंका जताई जा रही है कि यह तस्वीर बाद में खींची गई। यह भी आशंका है कि मुन्ना की मृत्यु के बाद उसके शरीर पर गोलियां दागी गईं और फिर यह दूसरी तस्वीर खींची गई।
चर्चा है कि तस्वीर खींचने वाले ने पहली तस्वीर जेल के बाहर अपने किसी आका को भेजी और फिर उसके इशारे पर मुन्ना के शव पर गोलियां दागीं और उसकी भी तस्वीर खींचकर भी अपने आका को भेजी गई। विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरी तस्वीर में जिस प्रकार के निशान दिख रहे हैं, ऐसे निशान किसी मृत शरीर पर पास से गोली दागे जाने पर बनते हैं। वायरल तस्वीरों को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है।
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार का कहना है कि आखिर किन परिस्थितियों में तथा किसने शव की तस्वीरों को वायरल किया है। किस मोबाइल से तस्वीर खींचकर सबसे पहले किस नंबर पर भेजा गया। इन बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ ही वायरल हुई दूसरी तस्वीर की भी जांच कराए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं, जिससे उसकी प्रमाणिकता का भी पता लग सके।
नहीं है मृत्यु के बाद की किसी चोट के निशान
डीआइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि बजरंगी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु से पूर्व की (एंटी मार्टम इंजरी) 13 चोटों के निशान मिले हैं। रिपोर्ट में मृत्यु के बाद किसी चोट के निशान नहीं मिले है।
जेल के गेट पर खौफ में दिख रहा माफिया डॉन
मुन्ना बजरंगी को सोमवार को जिस वक्त बागपत जेल में लाया गया, उसी दौरान जेल के गेट के बाहर मोबाइल से दो वीडियो बनाया गया। एक वीडियो 17 और दूसरा 32 सेकंड का है। ये वीडियो वायरल हो रहे हैं।
पहले वीडियो में एक गाड़ी जेल के बाहर वाले दरवाजे से अंदर जाती दिखाई दे रही है। इसमें कई पुलिसकर्मी भी मौजूद हैं। दूसरे वीडियो में मुन्ना बजरंगी पुलिसकर्मियों से घिरा हुआ है और उसके साथ कई लोग भी हैं। इसी वीडियो में जेल का दरवाजा खुलता है और मुन्ना बजरंगी अपने जानकार से एक सफेद तौलियानुमा कपड़ा लेते हुए कहता है कि डाक्टर साहब को भी तुम अपने साथ ही ले जाओ। उसके बाद वह जेल के अंदर चला जाता है। इस वीडियो में मुन्ना बजरंगी के चेहरे पर खौफ साफ देखा जा सकता है। वह वहां मौजूद लोगों के साथ एक डॉन की तरह नहीं बल्कि आम आदमी की तरह पेश आ रहा है।
बागपत जेल जंगल में है, जिसके आसपास भी कोई नहीं रहता। एक दुकान है, जो शाम को बंद हो जाती है। ऐसे में सवाल यह है कि मुन्ना बजरंगी जब जेल में आया तो मोबाइल से वीडियो किसने बनाया? वीडियो खुलकर नहीं बल्कि छिपाकर बनाया गया है। संभावना जताई जा रही है कि ये वीडियो मुन्ना बजरंगी के साथ आए लोगों ने सबूत के तौर पर बनाए, ताकि कोई अनहोनी होने पर उसे पेश किया जा सके। दरअसल, जिला प्रशासन ने बगैर किसी लिखित दस्तावेज के ही मुन्ना बजरंगी को जेल में रुकवाया था। ऐसे में उन लोगों को डर था कि प्रशासन मुकर सकता है। लेकिन सुबह ही घटना हो गई। एसपी जयप्रकाश ने बताया कि पता कराया जा रहा है कि वीडियो किसने बनाया और इसके पीछे क्या कारण हैं।