नंबर वन के चक्कर में नगर निगम खजाने को झटका, कर्मचारियों के वेतन पर घिरे काले बादल
फरवरी का वेतन बांटना हो सकता है मुश्किल। ऐसे में कर्मचारियों की होली का मजा किरकिरा हो सकता है।
लखनऊ, [अजय श्रीवास्तव]। स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के फीडबैक में तो नगर निगम देशभर में नंबर वन बन गया है लेकिन जनवरी में उसके खजाने को बड़ा झटका लगा है। हाउस टैक्स में ही 4.18 करोड़ की वसूली प्रभावित हो गई है। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के दो माह बाकी होने पर नगर निगम अफसरों की चिंताएं बढ़ गई हैं। अगर फरवरी में हाउस टैक्स में तेजी नहीं दिखाई गई तो फरवरी माह का वेतन मार्च में बंटना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में कर्मचारियों की होली का मजा किरकिरा हो सकता है।
शनिवार को नगर निगम की वसूली की पड़ताल की गई तो पिछले साल से इस साल जनवरी की वसूली में यह अंतर आया है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में जनवरी माह में नगर निगम ने हाउस टैक्स की 10.46 करोड़ की वसूली की थी लेकिन इस साल यह वसूली 6.48 करोड़ ही रह गई, जबकि पिछले साल की वसूली से इस बार इजाफा होना चाहिए था।
दरअसल स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के पांच हजार अंक में से 1250 अंक फीडबैक (नागरिक प्रतिक्रिया) में मिलने हैं लेकिन स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में लगाई गई निजी संस्थाओं की निष्क्रियता और पार्षदों की अरुचि के कारण नगर निगम को अपने सारे कर्मचारियों को नागरिक प्रतिक्रिया लेने में लगाना पड़ा। इसमें संपत्ति कर विभाग के जोनल अधिकारी से लेकर कर अधीक्षक और निरीक्षकों को भी लगाया गया था, लिहाजा वसूली गर्त में चली गई।
आज सवा तीन सौ अधिकारी कर्मचारी देखेंगे उरी
स्वच्छता सर्वेक्षण के फीडबैक में नंबर वन बनने की खुशी में रविवार को नगर निगम अधिकारी, कर्मचारी और पार्षद फिल्म उरी देखेंगे। इसमें मेयर भी शामिल होंगी।
क्या कहते हैं अफसर ?
नगर आयुक्त डॉ.इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 को लेकर नागरिक प्रतिक्रिया में संपत्ति कर विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगने से हाउस टैक्स की वसूली प्रभावित हुई है और फरवरी में अभियान चलाकर वसूली कराई जाएगी। कोशिश होगी कि हर कर्मचारी को समय पर वेतन मिल सके।