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मुनव्‍वर राणा के भाई इस्माइल बोले, हम जीतकर भी हार गए...गलत संगत में ब‍िगड़ गया मेरा भतीजा

शायर मुनव्वर राना के भाई इस्माइल राना ने कहा कि तबरेज गलत संगत में बिगड़ गया। शहर के कुछ आवारा लोगों और प्रापर्टी डीलरों ने उसे बरगला दिया। हमारे परिवार के एका की नजीर अब तक दी जाती रही है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 02 Jul 2021 05:05 PM (IST)Updated: Sat, 03 Jul 2021 02:15 AM (IST)
मुनव्‍वर राणा के भाई इस्माइल बोले, हम जीतकर भी हार गए...गलत संगत में ब‍िगड़ गया मेरा भतीजा
बेबाकी से बोले आरोपित के चाचा, भतीजे ने परिवार के सम्मान को पहुंचाई चोट।

रायबरेली, जागरण संवाददाता। पहले दिन से ही पूरा शहर जान गया था कि घटना झूठी है। बड़े से बड़े ताकतवर लोगों को मैंने देखा है। ऐसा होने पर कोई घटनास्थल पर नहीं रुकता बल्कि, कहीं सुरक्षित स्थान पर चला जाता है। तबरेज तो वहीं तीन घंटे तक रुका रहा, तभी मुझे संदेह हो गया था। पांच दिन बाद सच्चाई सबके सामने आ गई, लेकिन हम जीतकर भी हार गए। इस घटना से परिवार के सम्मान से ठेस पहुंची है।

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उक्त बातें शायर मुनव्वर राना के भाई इस्माइल राना ने मीडिया से कहीं। शहर के किला बाजार स्थित आवास पर बातचीत में उन्होंने कहा कि तबरेज गलत संगत में बिगड़ गया। शहर के कुछ आवारा लोगों और प्रापर्टी डीलरों ने उसे बरगला दिया। हमारे परिवार के एका की नजीर अब तक दी जाती रही है। हम छह भाइयों ने कभी अलगाव नहीं होने दिया, लेकिन भतीजे ने जो किया है, वो ठीक नहीं हुआ। बताया कि राजघाट पर हमारी पैतृक जमीन साढ़े चार बीघा है। वहीं पर मेरे और राफे राना के नाम अलग से चार बीघा जमीन थी, मगर वालिद का देहांत होने के बाद साढ़े आठ बीघा जमीन छह भाइयों के नाम आ गई। इसका केस चल रहा है। इसी बीच तबरेज ने हमारे हिस्से की जमीन बेच दी, जिस पर हमने आपत्ति की। उसने साजिश इसीलिए रची है कि हम सब भाई जेल चले जाएंगे और सुलह के लिए हाथ जोड़ेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने आरोप लगाया कि तबरेज ने अपने पिता मुनव्वर राना पर दबाव बनाकर चार माह पहले पावर ऑफ अटार्नी अपने नाम करा ली।

कप्तान ने थपथपाई मातहतों की पीठ : वारदात का राजफाश करने वाली टीम को पुलिस कप्तान श्लोक कुमार ने दोबारा ऑफिस में बुलाया। कोतवाल अतुल कुमार सिंह, सर्विलांस प्रभारी रामाशीष उपाध्याय, एसओजी प्रभारी अमरेश त्रिपाठी सहित पूरी टीम की पीठ थपथपाई। उन्होंने कोतवाल को अपने पास से 1500 रुपये का नगद पुरस्कार भी दिया। 


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