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Janta Curfew : 49 ट्रेनों से लखनऊ पहुंचे 25 हजार यात्री-शांति भंग; एयरपोर्ट उतरे एक दर्जन विमान

Janta Curfew in Lucknow रेलवे ने परिवहन विभाग के साथ मिलकर किए बसों के इंतजाम12 हजार यात्री मुंबई व पुणे से आए लखनऊ।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 22 Mar 2020 04:41 PM (IST)Updated: Mon, 23 Mar 2020 08:16 AM (IST)
Janta Curfew : 49 ट्रेनों से लखनऊ पहुंचे 25 हजार यात्री-शांति भंग; एयरपोर्ट उतरे एक दर्जन विमान

लखनऊ, जेएनएन। Janta Curfew in Lucknow: जनता कर्फ्यू के बीच लंबी दूरी की 49 ट्रेनें रविवार को अचानक लखनऊ आ गईं। इन ट्रेनों से आए 25 हजार यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए रेलवे को खासी मशक्कत करना पड़ा। परिवहन विभाग के साथ मिलकर डग्गामार बसों की व्यवस्था की गई। जिनसे यात्रियों को गोरखपुर, बहराइच, सीतापुर की ओर रवाना किया गया। लखनऊ शहर के यात्रियों के लिए टैंपो व टैक्सी के इंतजाम किए गए।

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जनता कर्फ्यू के मद्देनजर रेलवे ने रविवार सुबह चार बजे से रात 10 बजे तक आरंभ होने वाली सभी ट्रेनें निरस्त की थी। जबकि मुंबई और पुणे से शनिवार को पुष्पक एक्सप्रेस, एलटीटी गोरखपुर स्पेशल, एलटीटी लखनऊ सुपरफास्ट, एलटीटी लखनऊ एसी एक्सप्रेस, बांद्रा लखनऊ जंक्शन एक्सप्रेस लखनऊ आ गई। इसके अलावा एलटीटी-गोरखपुर कुशीनगर एक्सप्रेस, पुणे गोरखपुर एक्सप्रेस, एलटीटी गोरखपुर सुपरफास्ट भी लखनऊ के रास्ते गोरखपुर तक पहुंची। शनिवार सुबह 5:15 चेन्नई से चलने वाली चेन्नई लखनऊ एक्सप्रेस रविवार रात लखनऊ जंक्शन आयी। रविवार सुबह लखनऊ जंक्शन पर पुष्पक एक्सप्रेस के करीब 2300 यात्रियों की  थर्मल स्कैनिंग की गई। एलटीटी गोरखपुर एक्सप्रेस ऐशबाग पहुंची। इसी ट्रेन से ही करीब 300 यात्री आए। वहीं, चारबाग स्टेशन पर एलटीटी गोरखपुर स्पेशल के बाद एलटीटी लखनऊ एसी सुपरफास्ट आ गई। थर्मल स्कैनिंग के लिए तीन लाइनें लगानी पड़ी। 

एयरपोर्ट उतरे एक दर्जन विमान

चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट का इंटरनेशनल टर्मिनल पूरी तरह बंद कर दिया गया है। जबकि रविवार को 20 घरेलू विमान भी रद हो गए। लखनऊ एयरपोर्ट पर दिल्ली सहित पुणे, कोलकाता,  हैदराबाद, पटना, श्रीनगर, चंडीगढ़, मुंबई और बेंगलुरु से आने वाली इंडिगो एयरलाइन की एक दर्जन विमानों की लैंडिंग हुई। कैब, टैक्सी से लेकर एयरपोर्ट पर ऑटो नहीं चले। पैदल ही यात्री कानपुर रोड तक पहुंचे। यहां कुछ ऑटो जरूर मिले। जिन्होंने गोमतीनगर आने तक के लिए ही एक हजार रुपये वसूल लिया।

 

चालकों को बुला तत्काल चलाई गईं बसें

आनन-फानन में चालकों और परिचालकों को बस स्टेशनों पर तलब किया गया। परिवहन निगम के अलग-अलग डिपोे से गाड़ियों को बुला उन्हें चलाया गया। दोपहर तक चारबाग बस स्टेशन से करीब चालीस बसों काे विभिन्न रूट पर यात्रियों काे लेकर रवाना किया गया। वहीं कैसरबाग से आधा दर्जन बसों को गंतव्य की ओर भेजा गया। अपराह्न करीब डेढ़ बजे मुंबई से फिरएक और टे्न आई। प्रबंध निदेशक, सीजीएम, जीएम, आरएम समेत आला अफसर शाम तक बस स्टेशन पर कैंप करते नजर आए।

आसपास के जिलों से मंगाई गईं बसें

लगातार बढ़ती भीड़ को देख बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, रायबरेली आदि जिलों से बसें मंगवाई गईं। देर शाम तक ट्रेनों के मुंबई से आने की सूचना देख निगम प्रबंधन ने अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की। लेकिन बराबर भीड़ बनी रही। कोेअचानक छुट्टी निरस्त होने से पहले चालक और परिचालकों का संकट बना लेकिन लगातार भीड़ देखथा तो जहां बसें तो मौजूद थीं लेकिन चालक परिचालक कम थे। यात्रियों की भीड़ देख आसपास के डिपो से बसों को मंगाया जाना शुरू किया गया। आने वाली भीड़ के लिए डिपो से  समेत जरूरत के हिसाब से बसों को गंतव्य की ओर रवाना किया गया।  

रोडवेज अफसरों में रेल प्रशासन पर जताई नाराजगी

परिवहन निगम के आला अफसरों ने रेल प्रशासन के इस रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अचानक हजारों लोगों के आने की सूचना दे दी गई। चालक परिचालक समेत सभी जनता कफ्यू के लिए सतर्क थे कि अचानक आई बस स्टेशनों पर भीड़ ने अराजकता पैदा कर दी। अधिकारियों ने कहा कि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस का असर है ऐसे में अचानक आई भीड़ से समस्या खड़ी हुई। जब पता चला कि बस स्टेशनों पर अगल-बगल सैकड़ों लोग बैठे हैं तो खतरा भांप चालकों परिचालकों को मोबाइल समेत अन्य माध्यमों से तलब किया गया। बसें मंगा गंतव्य की ओर रवाना किया गया। 


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