Move to Jagran APP

IPS अमिताभ ठाकुर को धमकाने के दोषी नहीं मुलायम, पुलिस ने दोबारा लगाई अंतिम रिपोर्ट

अमिताभ पर फर्जी एफआईआर दर्ज कराने का आरोप लगाया है। सीजेएम लखनऊ आनंद प्रकाश सिंह ने मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर नियत की है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 15 Oct 2018 06:30 PM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 11:01 AM (IST)
IPS अमिताभ ठाकुर को धमकाने के दोषी नहीं मुलायम, पुलिस ने दोबारा लगाई अंतिम रिपोर्ट

लखनऊ (जेएनएन)। आइपीएस अमिताभ ठाकुर की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव पर दर्ज कराए गए धमकी के मामले में पुलिस ने दोबारा अंतिम रिपोर्ट लगा दी है। पुलिस ने मुलायम को दोषी नहीं मानते हुए अमिताभ पर फर्जी एफआईआर दर्ज कराने का आरोप लगाया है और धारा 182 के तहत कार्यवाही की संस्तुति भी की है। सीजेएम लखनऊ आनंद प्रकाश सिंह ने मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर नियत की है।

loksabha election banner

ये है पूरा मामला 

दरअसल, 10 जुलाई 2015 को आइपीएस अमिताभ ठाकुर को मोबाइल से दी गई कथित धमकी के संबंध में दर्ज मामले में लखनऊ पुलिस ने मुलायम सिंह यादव को दोषी नहीं माना। पुलिस ने फिर से अंतिम रिपोर्ट लगा दी है। 12 अक्टूबर 2018 को सीजेएम लखनऊ को भेजी अपनी आख्या में विवेचक सीओ बाजारखाला अनिल कुमार यादव ने कहा है कि 26 जुलाई 2018 के सीजेएम कोर्ट के आदेश पर 4 अगस्त 2018 को सुशांत गोल्ड सिटी, अंसल कॉलोनी, थाना गोसाईगंज स्थित मुलायम सिंह के आवास गए थे।

मुलायम सिंह ने अपनी आवाज का नमूना देने से इंकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि यह उन्हीं की आवाज है। विवेचक ने कहा कि मुलायम सिंह ने बताया था कि मैंने सिर्फ बड़े होने के नाते अमिताभ को समझाया था, मेरी मंशा उन्हें धमकी देने की नहीं थी। अमिताभ मामले को बढ़ा-चढ़ा कर आरोप लगा रहे हैं।

विवेचक ने कहा कि तमाम विवेचना के बाद अपराध के समर्थन में सुसंगत साक्ष्य नहीं होने के कारण मुकदमे में पूर्व में भेजे गए अंतिम रिपोर्ट का समर्थन किया जाता है। साथ ही, फर्जी अभियोग दर्ज कराये जाने के संबंध में अमिताभ ठाकुर के खिलाफ धारा 182 आईपीसी में कार्रवाई की संस्तुति की जाती है। सीजेएम लखनऊ आनंद प्रकाश सिंह ने मामले में सुनवाई की अगली तिथि 15 नवंबर तय की है। 

2015 को भी पेश की गई थी अंतिम रिपोर्ट 

गौरतलब हो कि पहले भी उपनिरीक्षक कृष्णानंद तिवारी ने इस मामले में 12 अक्टूबर 2015 को अंतिम रिपोर्ट पेश की थी, जिस पर अमिताभ ने प्रोटेस्ट वाद दायर किया था। इस पर तत्कालीन सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने 20 अगस्त 2016 को अंतिम रिपोर्ट को निरस्त करते हुए दोनों पक्ष के आवाज के नमूने ले कर विधि विज्ञान प्रयोगशाला में परीक्षण करवाने का आदेश दिया था।

बता दें, मुलायम सिंह यादव पर अमिताभ ठाकुर को धमकाने का आरोप लगा था। यह धमकी 10 जुलाई, 2015 को अमिताभ के मोबाइल पर दी गई थी। इस मामले में मुलायम सिंह यादव की आवाज का नमूना अभी तक नहीं लिया जा सका है। एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार ने 14 फरवरी 2018 को सीओ बाज़ारखाला के नेतृत्व में एक विशेष अन्वेषण टीम का गठन किया था लेकिन, आवाज़ का नमूना उस टीम द्वारा नहीं लिया जा सका।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.