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लखनऊ के हुसैनगंज में भी है मुख्तार अंसारी की पत्नी की संपत्ति, आजमगढ़ पुलिस ने मांगी रिपोर्ट

मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्तियों को जब्त करने के तहत ही ऐसा किया जा रहा है। मुख्तार के खिलाफ आजमगढ़ के तरवां थाने में यूपी गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण 1986 की धारा में मुकदमा दर्ज है और उसी के तहत ही संपत्ति का पता लगाया जा रहा है।

By Anurag GuptaEdited By: Updated: Thu, 21 Oct 2021 11:54 AM (IST)
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आजमगढ़ पुलिस के अनुसार इस संपत्ति का बैनामा मुख्तार अंसारी ने अपनी पत्नी के नाम कराया था।

लखनऊ, [अजय श्रीवास्तव]। अपराध जगत से अर्जित की गई विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी की संपत्तियों पर पुलिस की निगाह तेज होती जा रही है। लखनऊ के साथ ही आजमगढ़ पुलिस भी संपत्तियों का पता कर रही है। फिलहाल आजमगढ़ पुलिस को माफिया की पत्नी आयशा अंसारी की एक और संपत्ति का पता चला है। यह संपत्ति हुसैनगंज क्षेत्र में हैं। मुख्तार की बेनामी संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया के तहत ही ऐसा किया जा रहा है। मुख्तार के खिलाफ आजमगढ़ के तरवां थाने में उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण 1986 की धारा में मुकदमा दर्ज है और उसी मुकदमे ही संपत्ति का पता किया जा रहा है।

जांच के दौरान ही पुलिस को मुख्तार की कई बेनामी संपत्तियों का भी पता चला था। आजमगढ़ पुलिस की जांच में पता चला है क‍ि यह संपत्ति हुसैनगंज के बरफखाना में है, जो 2078 वर्गफीट में है। हुसैनगंज जैसे क्षेत्र में होने के कारण उसकी कीमत भी कई करोड़ बताई जा रही है। अब आजमगढ़ पुलिस से मिली इस जानकारी को जुटाने के लिए नगर निगम, एलडीए और सदर एसडीएम से अभिलेख मांगे गए हैं। आजमगढ़ पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस संपत्ति का बैनामा मुख्तार अंसारी ने अपनी पत्नी के नाम कराया था।

नजूल में दर्ज है जमीन

हुसैनगंज शहर का पुराना मोहल्ला है, लिहाजा अभिलेख तलाशने में अधिकारियों के पसीने आ रहे हैं। एसडीएम सदर से दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि हुसैनगंज 86 पुराने मोहल्लों में शामिल हैं और इन मोहल्लों की जमीन के अभिलेख उनके पास नहीं है। जमीन नजूल में दर्ज है तो उसके अभिलेख लखनऊ विकास प्राधिकरण के पास ही होंगे।

पहले भी 19 संपत्तियों का ब्योरा मांगा गया : मुख्तार अंसारी की शहर में उन्नीस संपत्तियों का पता चलने पर नगर निगम से उसकी जानकारी मांगी गई थी। इसमें जापलिंग रोड पर कई संपत्तियों का पता चला था। नगर निगम में भी इन संपत्तियों को दर्ज कराया गया था। इसमें एलडीए न अवैध तरह से बनी बिल्डिंग को तोड़ा गया था, जो सिंचाई विभाग की जमीन पर पाई गई थी।