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पूर्व मंत्री आजम खां को नहीं म‍िली जमानत, लखनऊ में एमपीएमएलए कोर्ट ने खारिज की अर्जी

एफआइआर आल इंडिया मुस्लिम काउंसिल के अल्लामा जमीर नकवी ने आइपीसी की धारा 500 व 505 के तहत दर्ज कराई थी। इसके मुताबिक आजम खां ने मंत्री रहते हुए अपने लेटर हेड व सरकारी मोहर का दुरुपयोग कर भाजपा आरएसएस व मौलाना सैय्यद कल्बे जव्वाद नकवी को बदनाम किया था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 11:06 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 11:06 PM (IST)
पूर्व मंत्री आजम खां को नहीं म‍िली जमानत, लखनऊ में एमपीएमएलए कोर्ट ने खारिज की अर्जी
विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त आजम खां के अपराध को गंभीर करार दिया है।

विधि संवाददाता, लखनऊ : पूर्व काबीना मंत्री आजम खां की एक आपराधिक मामले में दाखिल जमानत अर्जी एमपी-एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोतवाली हजरतगंज से संबधित यह मामला मानहानि व विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने के प्रयास का है। विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त आजम खां के अपराध को गंभीर करार दिया है।

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एक फरवरी, 2019 को इस मामले की एफआइआर आल इंडिया मुस्लिम काउंसिल के अल्लामा जमीर नकवी ने आइपीसी की धारा 500 व 505 के तहत दर्ज कराई थी। इसके मुताबिक आजम खां ने मंत्री रहते हुए अपने लेटर हेड व सरकारी मोहर का दुरुपयोग कर भाजपा, आरएसएस व मौलाना सैय्यद कल्बे जव्वाद नकवी को मीडिया में बदनाम किया। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल कर इनकी मान-प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाया। अपने मनगढंत बयानों से विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने का प्रयास किया। पांच जनवरी को इस मामले में अभियुक्त आजम खां को सीतापुर जेल से जरिए वीडियो कान्फ्रेसिंग न्यायिक हिरासत में लिया गया था।


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