आशा बहुओं का अपमान करने वालों के खिलाफ हो कार्रवाई : सासद कौशल किशोर
गाधी भवन में आयोजित आशा सम्मेलन कार्यक्रम। सासद कौशल किशोर ने किया कार्यक्रम का उद्घाटन। अच्छा काम करने वाली तीन आशाओं को क्रमश: 5, 3 और दो हजार रुपये की राशि देकर किया गया सम्मानित।
लखनऊ(जेएनएन)। आशा बहुएं बहुत काम करती हैं। अगर गर्भवती को अस्पताल लाते समय रास्ते में या घर से निकालते वक्त बच्चे की डिलेवरी हो जाती है तो आशा बहू की मेहनत बेकार जाती है, उन्हें इसका इंसेंटिव नहीं मिलता। लेकिन अब मैं सरकार के सामने यह बात रखूंगा कि ऐसी स्थिति में भी आशा बहुओं को इंसेंटिव मिलना चाहिए। डफरिन व अन्य अस्पतालों में आशा को अपमान सहना पड़ता है। कई बार डॉक्टर उन्हें गंदा समझकर डाट के भगा देते हैं, ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यह बातें सासद कौशल किशोर ने कहीं। मौका था राजधानी स्थित गाधी भवन में शुक्रवार को आयोजित आशा सम्मेलन कार्यक्रम का। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का उद्घाटन सासद कौशल किशोर व सीएमओ डॉ नरेंद्र अग्रवाल ने किया। यहां सासद ने कहा कि आशा बहुएं बहुत मेहनत से काम करती हैं। टीकाकरण के पैसे में आशाओं को बाधा होती है। वह कहती हैं कि मेरी मागे पूरी नहीं हुई। अब उनके लिए सरकार ने कमेटी का गठन किया है। सरकार भुगतान व मानदेय बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत है। प्रत्येक परिवार को स्वस्थ और स्वच्छ बनाने में आशाओं का सहयोग लिया जा रहा है।
हर अस्पताल में होगी कपड़े बदलने की व्यवस्था :
उन्होंने कहा कि मैं आशा बहुओं की हर लड़ाई को लड़ूंगा। मुख्यमंत्री से मैं कहूंगा कि हर अस्पताल में कम से कम उन्हें कपड़े बदलने की व्यवस्था हो। डफरिन व अन्य अस्पतालों में आशा को अपमान सहना पड़ता है। कई बार डॉक्टर उन्हें गंदा समझकर डाट के भगा देते हैं, ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। सरकारी खर्च पर होगा मजदूरों-किसानों का इलाज:
सांसद ने कहा कि विधायकों और उनके परिवार को एक बार जीतने के बाद आजीवन सरकारी खर्च पर इलाज मिलता है। सभी सरकारी कर्मचारियों को भी, लेकिन गरीबों, मजदूरों और किसानों को पूछने वाला कोई नहीं था। इसलिए पीएम मोदी आयुष्मान भारत योजना लेकर आए हैं। ताकि उनका भी सरकारी खर्च पर इलाज हो सके। इस कार्यक्रम के दौरान अच्छा काम करने वाली तीन आशाओं को क्रमश: 5, 3 और दो हजार रुपये की राशि देकर सम्मानित किया गया।