MP Governor Lalji Tandon Health Update: लालजी टंडन की हालत स्थिर, वेंटिलेटर क्रिटिकल केयर सपोर्ट पर
MP Governor Lalji Tandon Health Update 11 जून को स्वास्थ्य खराब होने पर मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का इलाज जारी है। वह अभी वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। मेडिकल डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर के मुताबिक टंडन की हालत स्थिर है। मगर, अभी खतरे के बाहर नहीं हैं। वह खुद सांस लेने में असमर्थ हैं। उनकी मांस पेशियां कमजोर हैं। बुधवार को उन्होंने डॉक्टरों से इशारे में बात की है। वह बातों को समझ रहे हैं। कुछ भी पूछने पर इशारों से रिस्पांस कर रहे हैं। टंडन को 11 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बता दें, बीते दिन मंगलवार को भी उनकी हालत स्थिर बनी रही। इस बीच उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य भी उनका कुशलक्षेम जानने अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने टंडन से मिलकर और उनकी देखभाल कर रहे डॉक्टरों से तबीयत के बारे में जानकारी ली। देर शाम बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अनिल जैन लाल जी टंडन का हाल जानने मेदांता पहुंचे।
मेदांता अस्पताल के अनुसार राज्यपाल टंडन को वेंटिलेटर क्रिटिकल केयर सपोर्ट दिया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से बीच-बीच में आधे-एक घंटे के लिए उन्हें बिना वेंटिलेटर के भी रखा जा रहा है, ताकि धीरे-धीरे वेंटिलेटर सपोर्ट हटाया जा सके।
11 जून को हुए थे मेदांता अस्पताल में भर्ती
मालूम हो कि मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को 11 जून को स्वास्थ्य खराब होने पर मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 13 जून को पेट में रक्तस्राव होने पर उनका ऑपरेशन किया गया। इसके बाद से वह लगातार क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर पर थे। बीच-बीच में कुछ देर के लिए वेंटिलेटर हटाया गया। 27 जून को उन्हें प्रेशर में ऑक्सीजन देने के लिए बाई-पैप मशीन पर रखा गया। लेकिन, उन्हें राहत नहीं मिली। लिहाजा, सोमवार को फिर राज्यपाल को क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया। मेदांता अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर के मुताबिक, राज्यपाल को कोमोर्बिटीज और न्यूरो मस्कुलर की समस्या है। सांस लेने में दिक्कत हो रही है। ऐसे में फिर उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया है।
बाई-पैप और वेंटिलेटर में अंतर
विशेषज्ञों के अनुसार, बाई-पैप और वेंटिलेटर दोनों मैके निकल वेंटिलेशन मशीनें हैं। मरीज यदि गंभीर है और बेहोशी में नहीं है। मगर, सांस लेने में असमर्थ है। कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर नहीं निकाल पा रहा है। ऐसी स्थिति में बाई-पैप मशीन का सपोर्ट दिया जाता है। इसमें मुंह-नाक पर मास्क लगाकर प्रेशर में ऑक्सीजन दी जाती है। वहीं, मरीज में बेहोशी आने लगे, शरीर में अम्लता बढ़ जाए, कॉर्बन डाई ऑक्साइड और बढ़ जाए तो ऐसी स्थिति में मरीज अति गंभीर होने लगता है। उसे वेंटिलेटर सपोर्ट देना बेहतर रहता है। इसमें मरीज के गले के पास ट्रैकियोस्टमी की जाती है। उसमें इंडोट्रैकियल ट्यूब डाल दी जाती है। इसके जरिये डायरेक्ट ऑक्सीजन पहुंचती है।