एक परिवार में दस से अधिक आयुष्मान कार्ड किए जाएंगे निरस्त, केंद्र सरकार को भेजी गई लिस्ट
यूपी ने केंद्र सरकार को भेजी परिवारों की लिस्ट 10 से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बनने पर निरस्त किए जाएंगे।
लखनऊ [संदीप पांडेय]। आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा पर अंकुश लगेगा। यूपी सरकार ने फुलप्रूफ व्यवस्था बनाने के लिए कमर कस ली है। ऐसे में एक परिवार में दस से अधिक बने सभी गोल्डन कार्ड निरस्त होंगे। इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र भेज दिया गया है।
आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का चयन सोशियो इकोनॉमिक कॉस्ट सेंसस (एसईसीसी) से किया गया है। वर्ष 2011 की सूची में शामिल परिवारों को योजना के दायरे में लिया गया। ऐसे में हजारों लोगों ने फर्जी राशन कार्ड, फर्जी नाम से लाभार्थियों के परिवार में शामिल होकर कार्ड बनवा लिए। लखनऊ में ही एक परिवार में 22-22 लोगों का कार्ड बनाया गया है। ऐसे में स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साची) द्वारा केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेज दी गई है। ऐसे में एक परिवार में दस से ऊपर सभी गोल्डन कार्ड निरस्त हो जाएंगे।
जुलाई से चला फर्जी कार्ड बनाने का धंधा
यूपी में आयुष्मान योजना 23 सितंबर 2018 में लॉन्च की गई। इसके बाद गोल्डन कार्ड बनाने की रफ्तार सुस्त रही। वहीं कई परिवारों में नए सदस्यों के छूटने का भी मसला उठा। ऐसे में जुलाई 2019 से 'एड ऑन' कार्यक्रम शुरू किया गया। इसमें नए सदस्यों को जोड़कर गोल्डेन कार्ड जारी किए गए। यहीं से धांधली की शुरुआत हुई। ऐसे में परिवार में दस से अधिक एड ऑन नाम निरस्त हो जाएंगे।
बर्थ-मैरिज सर्टिफिकेट अमान्य
अब सिर्फ 2011 की सूची व राशन कार्ड के ऑनलाइन ब्योरे में शामिल नाम ही आयुष्मान में शामिल होंगे। राशन कार्ड की स्कैन कॉपी, जन्म प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र अमान्य होंगे। वहीं सदस्यों का ब्योरा ऑनलाइन खुद साची अपडेट करेगा। लाभार्थी की स्कैन कॉपी मान्य नहीं होगी।
संदेह के घेरे में 30 हजार और कार्ड
राज्य के सभी जनपदों में 30 हजार और आयुष्मान कार्ड संदेह के घेरे में है। ऐसे में सभी जनपदों को लिस्ट भेज दी गई है। सीएमओ इन कार्डों का सत्यापन कर रहे हैं। सप्ताह भर में रिपार्ट सभी को भेजनी होगी। फर्जी पाए गए कार्डों को निरस्त किया जाएगा।
योजना पर एक नजर
- यूपी में लाभार्थी परिवार 1 करोड़ 18 लाख
- अब तक लगभग 90 लाख का ही हो सका सत्यापन
- 81 लाख 60 हजार बने कुल गोल्डेन कार्ड
- लखनऊ में 2 लाख 83 हजार 560 कुल सदस्य
- राजधानी में 9 हजार, 534 सदस्य नहीं मिल रहे ढूंढ़े
सीईओ-साची संगीता सिंह ने बताया कि एक परिवार में फिलहाल अधिकतम दस कार्ड ही मान्य होंगे। शेष सभी निरस्त होंगे। केंद्र सरकार को ऐसे परिवारों को लिस्ट भेज दी गई है। इसके बाद वैध दस्तावेजों के आधार पर परिवार के नए सदस्यों के कार्ड बनेंगे।