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प्रदूषण पर वार के लिए एक्शन में यूपी सरकार, ऑटोमैटिक मॉनिटरिंग स्टेशन के जरिए रखी जाएगी नजर

वायु और ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए योगी सरकार ने कार्ययोजना तैयार की है। इस योजना में लखनऊ आगरा प्रयागराज गाजियाबाद कानपुर वाराणसी व मेरठ शहर शामिल किए गए हैं। इनमें वायु प्रदूषण पर 24 घंटे नजर रखने के लिए ऑटोमैटिक मॉनिटरिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 07:30 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 03:33 PM (IST)
प्रदूषण पर वार के लिए एक्शन में यूपी सरकार, ऑटोमैटिक मॉनिटरिंग स्टेशन के जरिए रखी जाएगी नजर
यूपी के सात शहरों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ऑटोमैटिक मॉनिटरिंग स्टेशन के जरिए नजर रखी जाएगी।

लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। उत्तर प्रदेश के सात बड़े शहरों में प्रदूषण खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जाएंगे। वायु और ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए योगी सरकार ने कार्ययोजना तैयार की है। इस योजना में लखनऊ, आगरा, प्रयागराज, गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी व मेरठ शहर शामिल किए गए हैं। इनमें वायु प्रदूषण पर 24 घंटे नजर रखने के लिए ऑटोमैटिक मॉनिटरिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें हर समय रियल-टाइम डाटा मिलेगा। मैनुअल स्टेशन की भी संख्या बढ़ाई जाएगी। प्रदूषण पर निगरानी व तत्काल कार्रवाई के लिए अत्याधुनिक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया जाएगा।

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दरअसल, केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग से मिलियन प्लस शहरों के नगरीय निकायों के लिए पहली किस्त जारी कर दी है। इसके तहत प्रदेश के सात शहरों के लिए 357 करोड़ रुपये मिले हैं। इस धनराशि से शहरों के प्रदूषण नियंत्रण के लिए मूलभूत इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा सकता है। इसी के तहत उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सात शहरों में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है।

इन सात शहरों के लिए पांच साल की जो कार्ययोजना तैयार हुई उसके तहत करीब 143 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। लखनऊ में 18.72 करोड़, आगरा में 17.63 करोड़, प्रयागराज में 15.83 करोड़, गाजियाबाद में 21.86 करोड़, कानपुर में 24.17 करोड़, वाराणसी में 16.98 करोड़ व मेरठ में 27.64 रुपये की योजना शामिल है। नगरीय निकायों को उनकी परफारमेंस के आधार पर अगले वित्तीय वर्ष में धनराशि दी जाएगी।

80 से 100 अंक पाने वाले नगरीय निकायों को अगले वर्ष 100 फीसद, 60 से 80 अंक पाने वाले निकायों को 75 फीसद, 50 से 60 अंक पाने वाले निकायों को 50 फीसद व 40 से 50 अंक पाने वाले नगरीय निकायों को 25 फीसद धनराशि मिलेगी। इससे कम अंक वाले निकायों को अगले वर्ष धनराशि नहीं दी जाएगी।

यह होंगे काम

  • कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मानीटरिंग सिस्टम लगाना।
  • मैनुअल एयर क्वालिटी मानीटरिंग स्टेशन लगाना।
  • स्वचलित ध्वनि निगरानी केंद्र विकसित करना।
  • जांच के लिए ध्वनि मापक यंत्र की खरीद।
  • शहर में अत्याधुनिक नियंत्रण कक्ष की स्थापना।
  • वायु प्रदूषण मापने की प्रयोगशालाओं को और मजबूत बनाना। 
  • हाई मास्ट कैमरा व वीडियो फेंसिंग।
  • वायु गुणवत्ता की जांच के लिए मोबाइल स्टेशन।
  • नगरीय निकायों के अधिकारियों-कर्मचारियों का प्रशिक्षण।
  • स्थानीय तकनीकी संस्थानों को भी जोड़ना।
  • वायु प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों की थर्ड पार्टी आडिट।
  • प्रदूषण से शहर पर क्या प्रभाव पड़ रहा है उस पर इंपैक्ट स्टडी कराना।
  • शहरों के लिए माइक्रो एयर क्वालिटी मैनेजमेंट टूल विकसित करना।

किस साल कितना पैसा होगा खर्च

2021-22 : 54.30 करोड़ रुपये

2022-23 : 20.81 करोड़ रुपये

2023-24 : 21.19 करोड़ रुपये

2024-25 : 23.94 करोड़ रुपये

2025-26 : 22.60 करोड़ रुपये


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