कश्मीर नीति पर पुनर्विचार करे मोदी सरकार, राज्य के हालात पर चिंता : मायावती
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि मोदी सरकार को अपनी कश्मीर नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए।
लखनऊ (जेएनएन)। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने जम्मू-कश्मीर में सीमापार से हो रही गोलीबारी में सैनिकों के लगातार शहीद होने व एक वरिष्ठ पत्रकार की हत्या किये जाने पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि मोदी सरकार को अपनी कश्मीर नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। शुक्रवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि कश्मीर में जो भी हो रहा है, उसे देखते हुए अब समय आ गया कि मोदी सरकार अपने अडिय़ल रवैये को त्याग कर बिना देर किए देशहित में कश्मीर नीति पर फिर से विचार करे। कश्मीर में पीडीपी और भाजपा गठबंधन सरकार होने के बावजूद वहां हालात लगभग बेकाबू हैं।
हिंसा और हत्याओं का दुखद दौर
सीमावर्ती क्षेत्र के साथ ही राज्य के भीतर भी हिंसा और हत्याओं का दुखद दौर लगातार जारी है। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को कश्मीर नीति में परिवर्तन लाना चाहिए और राजनीतिक स्तर पर सुधार के प्रयास तेज करने चाहिए। बसपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा की कश्मीर नीति पूरी तरह से जनहित और देशहित में नहीं होकर संकीर्ण राजनीतिक सोच से प्रभावित है। शायद यही कारण है कि उनका जम्मू-कश्मीर नेतृत्व भी स्वार्थ में लिप्त है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में सर्वसमाज के गरीब, मजदूर, दलित, पिछड़े और धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभाव चरम पर है। महाराष्ट्र के जलगांव जिले के जामनेर में कुएं से नहाने पर पिछड़े समुदाय के दो नाबालिगों को कथित तौर पर पीटने और निर्वस्त्र करके गांव में घुमाने की घटना की निंदा करते हुए मायावती ने कहा कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करती तो जातिवादी घटनाओं पर काफी अंकुश लगाया जा सकता है।
इतिहास को चुनौती देने की बजाय मेधावी छात्रों की सुध ले
मायावती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर उनके उस बयान के लिए भी निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि अकबर नहीं महाराणा प्रताप महान थे। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सर्वज्ञानी बनकर इतिहास को चुनौती देने की बजाय मुख्यमंत्री को कम से कम उन मेधावी छात्रों की सुध लेनी चाहिए जो उनके हाथ से लिये गए इनामी रकम के चेक बाउंस होने से आहत हैं।