आम से जुड़े उत्पाद बनाने में मदद करेगा मोबाइल एप
कृषि वैज्ञानिकों ने तैयार किए आम अमरूद आंवला प्रसंस्करण पर सात मोबाइल एप।
लखनऊ, जेएनएन। फलपट्टी में आम बागवानों को कोरोना के साथ पिछले दिनों आई आंधी-पानी ने भी चिंता में डाल दिया है। वहीं, केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (रहमान खेड़ा) की नीलिमा गर्ग ने आम से कई अन्य उत्पादों को बनाने की तकनीक विकसित कर उनको चिंतामुक्त करने का प्रयास किया है। इनकी मदद से बागवान आंधी में गिरे कच्चे आम से कई उत्पाद बनाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।
कृषि वैज्ञानिक नीलिमा गर्ग ने अपने सहयोगी एचसी वर्मा के साथ आम, अमरूद व आंवला के प्रसंस्करण पर सात मोबाइल एप तैयार किए हैं। इन्हें गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। फलों के प्रसंस्करण द्वारा कई उत्पाद तैयार करने की विधि इन एप पर उपलब्ध है। वजन के अनुसार प्रत्येक सामग्री को बनाने की विधि के बारे में जानकारी दी गई है। इनका उपयोग कर बागवान आसानी से इन उत्पादों को तैयार कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही फलों से कई उत्पाद बनाए जा सकते हैं, जिनकी तकनीक संस्थान में आसानी से उपलब्ध है। साथ ही तकनीक के बारे में सही से सिखाया जाता है।
फलों के अपशिष्ट के उपयोग द्वारा कई अन्य दैनिक उपयोगी उत्पाद बनाए जा सकते हैं, जो रासायनिक तत्वों की मिलावट से अलग होने की वजह से नुकसानदायक नहीं हैं। वहीं, बागवान इस लॉकडाउन में आंधी में गिरी फसल के नुकसान से भी बच सकते हैं। साथ ही ग्रामीणों को रोजगार भी उपलब्ध करा सकते हैं। खास बात यह है कि हिंदी भाषा वाले एप में ऑडियो की भी सुविधा उपलब्ध है। इससे ग्रामीण एप पर दी जानकारी आसानी से सुनकर उसका उपयोग कर सकते हैं।
ये हैं सातों एप
- रॉ मैंगो प्रोडक्ट (हिंदी भाषा)
- रॉ मैंगो प्रोडक्ट (अंग्रेजी भाषा)
- राइप मैंगो प्रोडक्ट (हिंदी भाषा )
- राइप मैंगो प्रोडक्ट (अंग्रेजी भाषा)
- ग्वावा किचन रेसिपी
- ग्वावा प्रोसेस प्रोडक्ट
- आंवला प्रोसेस प्रोडक्ट
बनाए जा सकते हैं ये उत्पाद
- कच्चे आम का साइडर
- आम का सिरका
- आम की वाइन
- कच्चे आम का जैम
फलों के अपशिष्ट से बनाए जा सकते हैं ये मूल्यवर्धित उत्पाद
- आम का लिप बाम
- आम का रेशायुक्त बिस्किट
- आम और अमरूद के अपशिष्ट से बना मछली का चारा
- आम के छिलके की खाद -
- आम के छिलके से निर्मित उच्च प्रोटीन युक्त जानवरों का चारा
- आंवला चाय