मिशन-2019 : आज कानपुर से शुरू होंगे कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन
मिशन संगठन की शुरुआत आज से कानपुर नगर से होगी। इसमें प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर के साथ प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद भी उपस्थित रहेंगे।
लखनऊ (जेएनएन)। कैराना और नूरपुर उपचुनाव से किनारा करने वाली कांग्रेस अब मिशन-2019 पर फोकस करेगी। जिलेवार सम्मेलनों में संगठन की समीक्षा करते हुए कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ायी जाएगी। मिशन संगठन की शुरुआत आज से कानपुर नगर से होगी। इसमें प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर के साथ प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद भी उपस्थित रहेंगे।
प्रदेश प्रवक्ता द्विजेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि सम्मेलनों के प्रथम चरण में कानपुर नगर, बाराबंकी और मुरादाबाद को शामिल किया गया है। 12 मई को कानपुर नगर सम्मेलन के बाद 13 को बाराबंकी और 14 मई को मुरादाबाद में कार्यकर्ता सम्मेलन होंगे, जिसमें जिले से संबंधित पूर्व मंत्री, वर्तमान एवं पूर्व सांसद व विधायक, एआइसीसी, पीसीसी सदस्य एवं प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ब्लाक व न्याय पंचायत स्तर के ओहदेदार भी उपस्थित रहेंगे। फ्रंटल संगठन, विभाग व प्रकोष्ठ के अध्यक्ष, स्थानीय निकायों में चुने प्रतिनिधियों को भी न्यौता भेजा गया है।
युवा चेहरे संभालेंगे कमान : जिलेवार सम्मेलनों के जरिये संगठन में बदलाव की कवायद भी शुरू होगी। सूत्र बताते हैं कि युवाओं को तरजीह के फार्मूले पर पार्टी का चेहरा बदलने की कोशिश हो रही है। युवाओं को आगे करने और पुराने समर्पित नेताओं के अनुभवों का लाभ लेने को तालमेल किया जाएगा। संगठन वर्ष 2022 को ध्यान में रखकर तैयार होगा। फ्रंटल संगठनों व विभागों के बेहतर समन्वय पर जोर रहेगा ताकि स्थानीय पर एकजुटता नजर आए।
छंटनी से परहेज : घटते जनाधार को देखते हुए संगठन में निष्क्रिय नेताओं की छंटनी करने से बचा जाएगा ताकि पदों से हटाए लोगों को माहौल खराब करने का मौका न मिल पाए। संगठन में अहम जिम्मेदारी सक्रिय कार्यकर्ताओं को दी जाएगी। इस योजना के तहत ही करीब डेढ़ दर्जन जिलों में निष्क्रिय बने अध्यक्षों को पदमुक्त करने के बजाए कार्यवाहक जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की गयी है।
सोशल इंजीनियङ्क्षरग को मजबूत करेंगे : संगठन समीक्षा के दौरान स्थानीय स्तर पर जातीय समीकरणों को ध्यान में रखा जाएगा। प्रमुख जातियों, खासकर पिछड़े और अनुसूचित जाति वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दे वोट बैंक का गणित सुधारा जाएगा। अल्पसंख्यक समाज को जोडऩे पर भी जोर रहेगा। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में वोटरों का नजरिया अलग रहेगा। भाजपा को केंद्र की सत्ता से बाहर करने के नारे का लाभ लेने के लिए सोशल इंजीनियङ्क्षरग स्थानीय स्तर पर सुधारी जाएगी।