परिषदीय स्कूलों में परीक्षा बनी मखौल, हाथ से लिखे गए प्रश्न पत्र तो बोर्ड पर मिले उत्तर
राजधानी में परिषदीय स्कूलों में पहले दिन परीक्षा अव्यवस्था का शिकार रही।
लखनऊ , जेएनएन। परिषदीय स्कूलों में पहले दिन ही परीक्षा अव्यवस्था का शिकार रही। कई स्कूलों में जहां शिक्षकों ने हाथ से लिखकर बच्चों को प्रश्नपत्र दिए, वहीं तमाम जगह बोर्ड पर उत्तर लिखकर छात्रों को पेपर हल कराया गया।
क्लास में कंचा खेलते मिले बच्चे
राजधानी में 1367 प्राथमिक, 472 उच्च प्राथमिक व 192 सहायता प्राप्त व अशासकीय विद्यालय हैं। इनमें करीब 2,09,583 बच्चे पंजीकृत हैं। विद्यालयों में शनिवार से वार्षिक परीक्षाएं शुरू हुईं। पहली पाली में कक्षा दो से आठ तक ङ्क्षहदी का पेपर हुआ। वहीं, द्वितीय पाली में संस्कृत-उर्दू का पेपर कराया गया। मगर, इस दौरान विद्यालयों में परीक्षा की शुचिता तार-तार रही। स्कूलों में कहीं आधे बच्चों को ही प्रिंट पेपर मिले, तो कहीं हाथ से लिखे बांटे गए। इसके अलावा पेपर के वक्त बच्चे कंचा खेलते मिले।
झुंड में बैठकर परीक्षा देते मिले बच्चे
काकोरी के बेलवा प्राथमिक विद्यालय में ब्लैक बोर्ड पर उत्तर लिखकर शिक्षक ने प्रश्न पत्र हल कराए। जागरण टीम जब स्कूल पहुंची तो बोर्ड पर रिक्त स्थान भरने का प्रश्न लिखा मिला। इसमें रिक्त स्थानों में सही उत्तर भी लिखे मिले। वहीं, शक्कर खेड़ा में झुंड में बच्चे बैठकर परीक्षा देते मिले। यहां डीएलएड प्रशिक्षु के सहारे बच्चों की परीक्षा हुई।
इटौंजा में नहीं मिले प्रश्नपत्र
इटौंजा के प्राथमिक स्कूल-एक में कक्षा दो के छात्रों को प्रश्नपत्र ही नहीं मिला। यहां शिक्षकों ने हाथ से लिखकर बच्चों को प्रश्न पत्र दिया। वहीं, पूर्व माध्यमिक विद्यालय में कुछ छात्र सीट पर तो अधिकतर फर्श पर पेपर देते मिले।
परीक्षा के समय खा रहे थे खाना
नादरगंज प्राथमिक विद्यालय में 12:45 पर बच्चे खाना खाते मिले। वहीं, विभाग ने यह समय संस्कृत के पेपर का निर्धारित किया था। वहीं, काकोरी के कुसमौरा प्राथमिक विद्यालय की दूसरी पाली में बच्चे 1:20 पर कंचा खेलते मिले।