6 साल की बच्ची को अगवा कर उतारा मौत के घाट, पेड़ से लटकी थी मासूम की लाश
हत्याकर माल के कोलवा जंगल में उसी की बेल्ट से लटकाया शव। पुरानी रंजिश में दिया वारदात को अंजाम नामजद रिपोर्ट के बाद हुए गिरफ्तार।
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। राजधानी में रविवार को छह साल की मासूम का शव मिलने से सनसनी फैल गई। हत्यारों ने गुरुवार को मड़ियाव क्षेत्र से मासूम को अगवा किया था और हत्या के बाद माल के कोलवा जंगल में छात्र की बेल्ट से ही शव को पेड़ से लटका दिया। एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक, मासूम के पड़ोस में रहने वाले पति- पत्नी और उनकी बेटी को गिरफ्तार कर लिया गया है। छात्र के पिता से इनकी पुरानी रंजिश की बात सामने आई है।
मामला मड़ियाव के शिवनगर कॉलोनी का है। यहां स्थित जामा मस्जिद के पीछे रहने वाले दीपू की बेटी लक्ष्मी (छह) गुरुवार सुबह(15 मार्च) करीब सात बजे स्कूल के लिए निकली थी। लक्ष्मी नवीनगर स्थित एमकेएस एकेडमी में कक्षा एक की छात्र थी। परीक्षा देकर वह स्कूल से निकली, लेकिन घर नहीं पहुंची। परेशान दीपू ने गुरुवार रात करीब आठ बजे मड़ियाव थाने में मामले की शिकायत की थी।
पुलिस ने बदलवा दी थी तहरीर दीपू के मुताबिक, उन्होंने पड़ोस में रहने वाले बृजेश, उसकी पत्नी आशा व बेटी पर लक्ष्मी को अगवा करने की आशका जताते हुए तहरीर दी थी। आरोप है कि पुलिस ने उनसे तहरीर बदलवा कर गुमशुदगी दर्ज कर ली थी। इसके बाद लक्ष्मी की तलाश करने की बात कहकर लौटा दिया था। पीड़ित परिवार ने पुलिस पर गई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उनका कहना था कि अगर पुलिस समय रहते आरोपितों को पकड़ती तो बच्ची बच जाती।
दरुगध आने पर चरवाहों को हुई जानकारी
माल के कोलवा जंगल में रविवार दोपहर (18 मार्च) बाद बकरिया चराने गए चरवाहों ने तेज दरुगध आने पर फॉरेस्ट गार्ड खड़ग सिंह को सूचना दी। इस पर खड़ग सिंह चौकीदार बृजलाल के साथ जंगल में पहुंचे। वहा बच्ची को फंदे पर लटका देख उनकी चीख निकल गई। फॉरेस्ट गार्ड ने इसकी सूचना कोलवा के प्रधान सुंदर लाल को दी। इसके बाद प्रधान ने पुलिस को बताया।
स्कूल ड्रेस में ही लटका था शव लक्ष्मी का शव स्कूल डेस में ही लटका था। यही नहीं हत्यारों ने लक्ष्मी की स्कूल वाली बेल्ट से ही फंदा बनाकर पेड़ से लटका दिया था। लक्ष्मी सफेद जुराबें और काले जूते भी पहने थी। छानबीन के दौरान पुलिस को घटना स्थल के पास स्कूल बेल्ट का टैग मिला, जिसके सहारे शव की शिनाख्त की गई।
विवचेक निलंबित और एसएसआइ लाइन हाजिर
लक्ष्मी की अपहरण के बाद हत्या के मामले में एसएसपी दीपक कुमार ने प्रथम दृष्टया विवेचक दारोगा वीरपाल सिंह को निलंबित करने के साथ ही एसएसआइ मड़ियाव अमरनाथ सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है। एसएसपी के मुताबिक, पुलिस ने तहरीर मिलते ही गुमशुदगी दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी थी। हालाकि हिरासत में लिए गए संदिग्धों से पूछताछ में गंभीरता नहीं बरतने की बात सामने आई है, जिसके कारण दोनों पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है। एसएसपी का कहना है कि पूरे प्रकरण की जाच सीओ अलीगंज आइपीएस डॉ. मीनाक्षी को सौंपी गई है।
बेटी को गायब करने की मिल रही थी धमकी
लक्ष्मी का शव मिलने की जानकारी मिलते ही उसके माता-पिता की चीख निकल पड़ी। दीपू अपनी पत्नी निशा संग पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। वहा अपनी फूल सी बच्ची का शव देख रो पड़े। पुलिस को लक्ष्मी की मौत का जिम्मेदार ठहरा दिया। दीपू के मुताबिक, पड़ोसी बृजेश ने उन्हें धमकी दी थी कि तुम्हारी बेटी को गायब करवा दूंगा। इसकी शिकायत उन लोगों ने पुलिस से भी की थी, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
माल का रहने वाला है पड़ोसी बृजेश
पुलिस का कहना है कि पड़ोसी बृजेश व दीपू एक ही मकान में किराए पर रहते हैं। बृजेश व दीपू का कमरा आस-पास है। यही नहीं बृजेश माल के ही लोधखेड़ा गाव का रहने वाला है।
गिरफ्तार दंपती की बेटी भी है लापता, लक्ष्मी के पिता पर जताया था शक
पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार को दीपू ने मड़ियाव थाने में जाकर बृजेश पर अपहरण का आरोप लगाया था। इससे पूर्व बृजेश ने दीपू पर 15 फरवरी को उसकी 17 वर्षीय बेटी को फुसलाकर भगा ले जाने की शिकायत की थी। पुलिस ने दीपू से पूछताछ की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली थी। इसी बीच 22 फरवरी को बृजेश की बेटी को भिटौली से बरामद कर लिया गया। किशोरी ने बताया कि वह मर्जी से गई थी। पुलिस का कहना है कि बीते 10 मार्च को बृजेश की बेटी दोबारा लापता हो गई थी, जिसका अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। बृजेश ने पुलिस से दीपू की भूमिका पर संदेह जताया था।