जूम एप से लीक हो रही प्राइवेसी, खतरे में पड़ी सुरक्षा-गृह मंत्रालय ने भी किया आगाह
तकनीकी खामियों के चलते जूम पर ली जा रही ऑनलाइन क्लास को लेकर उठ रहे सवाल लखनऊ के स्कूलों में इस्तेमाल हो रहा है।
लखनऊ, जेएनएन। स्कूलों की ओर से ऑनलाइन क्लास को लेकर इस्तेमाल किए जा रहे जूम एप से लोगों की प्राइवेसी खतरे में आ गई है। हाल ही में ऑनलाइन क्लास के दौरान जूम एप हैक किए जाने का मामला सामने आया था। इसके बाद से जूम एप से ऑनलाइन क्लास को लेकर सवाल उठना शुरू हो गए हैं।
जूम एप के असुरक्षित होने के कारण
लखनऊ विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ इंजीनियङ्क्षरग एंड टेक्नोलाजी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हिमांशु पांडेय के मुताबिक, जूम मीटिंग का डाटा क्लाउड पर सेव होता है, ऐसे में यदि क्लाउड से डाटा डिलीट किए जाने के तुरंत बाद डिलीट न होकर कुछ देर बाद डिलीट होता है। इसके चलते इसे कोई भी डाउनलोड कर सकता है। उनके मुताबिक जूम में रजिस्ट्रेशन के दौरान यदि एक ही कंपनी डोमेन से कई व्यक्ति रजिस्ट्रेशन करते हैं तो कई लोगों का डाटा देखा जा सकता है, जोकि सुरक्षा के लिहाज से बेहद गलत है।
स्कूल जूम को क्यों दे रहे थे प्राथमिकता
डॉ. पांडेय के मुताबिक, अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म पर 25 से 50 यूजर को ही जोड़ा जा सकता है, जबकि जूम पर 100 यूजर से भी अधिक जोड़े जा सकते हैं, इसके चलते स्कूलों व कॉलेजों में बच्चों की संख्या को देखते हुए इसे अपनाया जा रहा है।
अनुमान के मुताबिक शहर के करीब 200 से 300 निजी स्कूलों द्वारा जूम पर क्लास ली जा रही थी, इसी तरह कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा भी जूम पर बैठकें आयोजित हुईं। मगर खामियां सामने आने के बाद संस्थानों ने जूम से किनारा काटना शुरू कर दिया।