विशेष: शासनादेश पर भारी मंत्री का वाहन प्रेम, खादी कोष से खरीदना चाहते हैं चार गाड़ियां
मंत्री सत्यदेव पचौरी ने पांच अक्टूबर को ८३ लाख से खादी ग्रामोद्योग बोर्ड से वाहन खरीद को दी मंजूरी।
लखनऊ[अजय श्रीवास्तव]। महात्मा गांधी जी की खादी को बढ़ावा देने वाले विभाग के मंत्री सत्यदेव पचौरी का गाड़ी प्रेम शासनादेश पर भारी पड़ रहा है। मंत्री चार नई गाड़ियां खरीदना चाहते हैं और पांच अक्टूबर को उन्होंने इसका अनुमोदन भी कर दिया है। यह गाड़ी नव सृजित खादी कोष से खरीदी जानी है। इन चार वाहनों की कीमत 83.80 लाख अनुमानित है। मामला इस बात पर फंस गया है कि 18 सितंबर को ही मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय की तरफ से व्यय प्रबंधन और प्रशासनिक व्यय में मितव्ययिता के लिए जारी शासनादेश में नई गाड़ियों की खरीद पर रोक लगा दी गई थी। नए वाहन न खरीदने का उल्लेख शासनादेश के 12 व 13 नंबर पर है।
खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अधिकारी परेशान हैं कि उन्होंने गाड़ियां खरीद लीं तो उनकी गर्दन फंस सकती है। इसे लेकर खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में मंत्री के अनुमोदन के बाद भी फाइल फर्राटा नहीं भर पा रही है। ग्रामोद्योग बोर्ड के कर्मचारियों में भी नाराजगी दिख रही है। उनका कहना है कि कर्मचारियों की देनदारी देने के बजाए बोर्ड की रकम से गाड़ियां खरीदा जाना उचित नहीं है।
यह वाहन खरीदे जाएंगे :
गाड़ियों की खरीद के लिए जो कोटेशन मंगाए थे, उनमें करीब बीस मॉडल का जिक्र था। अब अंतिम रूप से मॉडल नंबर जेड-7 टोयेटा इनोवा क्रिस्टा) (एमटी) 9वी (2400) दो वाहन (एक की कीमत 24,41,540रुपये), बुलेरो (मॉडल जीएक्स-7(एमटी) 8एम (2700 सीसी) दो वाहन (एक की कीमत 17,48,900 रुपये फाइनल किए गए हैं।
मामले में मंत्री ने दी सफाई
खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, वस्त्रोद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सत्यदेव पचौरी का कहना है कि पुराने हो गए चार वाहनों को सरेंडर किया गया था तो नई गाड़ियां खरीदी जा रही हैं। शासनादेश के विपरीत गाड़ियां नहीं खरीदी जाएंगी और वह अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट लेंगे। हालांकि मंत्री ने फोन पर दैनिक जागरण से बातचीत के दौरान खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के सीईओ से भी फोन पर बात की और फिर सफाई दी कि वाहनों का अभी अवलोकन किया जा रहा है, उसे खरीदा नहीं जा रहा है, जबकि अभिलेखों में मंत्री की तरफ से गाड़ियों की खरीद का अनुमोदन दिया जा चुका है।
यह है शासनादेश
(मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय की तरफ से 18 सितंबर, 2018 को शासनादेश से संबंधित अंश)
- नंबर 12 : सुरक्षा संबंधी आवश्यकताओं को छोड़कर नए वाहन क्रय न किए जाए। विभागों में पूर्व में मौजूद जो वाहन निष्प्रयोज्य हो रहे हैं, उसके स्थान पर नए वाहन की खरीद न की जाए तथा यह कार्य आउटसोर्सिंग से किया जाए।
- नंबर 13 : यदि अनुबंध पर टैक्सी के रूप में वाहन शासकीय कार्य के लिए लिया जाना है तो विभाग अपने प्रशासनिक विभाग के माध्यम से वित्त विभाग से सहमति प्राप्त करने के पश्चात ही अनुबंध पर वाहन ले सकते हैं। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि उपरोक्त प्रक्रिया के अनुसार पंजीकृत टैक्सी वाहन ही अनुबंध पर लिये जा सकते हैं। किसी भी परिस्थिति में निजी वाहनों को अनुबंध पर न लिया जाए।