यूपी के खनन घोटाला में बी. चंद्रकला के साथ अन्य आइएएस अफसर भी रडार पर
उत्तर प्रदेश में लंबे समय से चल रहे खनन घोटाला में खनन विभाग के विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों से लेकर कई सफेदपोशों के नाम करोड़ों की धांधली में उजागर हो सकते हैं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में खनन घोटाला में सीबीआइ जांच में आइएएस अफसर बी.चंद्रकला के बाद अब तीन-चार आइएएस अफसर के साथ खनन के धंधे में उतरे लोग भी सीबीआई की रडार कर हैं। खनन घोटाले की सीबीआइ जांच की आंच अभी कई बड़ों तक पहुंचेगी।
उत्तर प्रदेश में लंबे समय से चल रहे खनन घोटाला में खनन विभाग के विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों से लेकर कई सफेदपोशों के नाम करोड़ों की धांधली में उजागर हो सकते हैं। हमीरपुर में तैनात रहे कई पीसीएस अधिकारियों व पदोन्नति से आइएएस संवर्ग में पहुंचे एक अधिकारी की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआइ को कल की छापेमारी के दौरान आरोपितों के कब्जे से कई अहम दस्तावेज मिले हैं, जिनकी छानबीन में उनकी काली कमाई से जुटाई गई संपत्तियों का ब्योरा सामने आ सकता है।
खनन घोटाले को लेकर ही सीबीआइ ने मई 2017 में तत्कालीन प्रमुख सचिव खनन गुरदीप सिंह से भी लंबी पूछताछ की थी। इनके साथ ही हाल में ही रिटायर्ड संध्या तिवारी तथा खनन निदेशक रहे भवनाथ सिंह से भी इस मामले में पूछताछ जल्दी ही संभव है।
अवैध खनन के खेल की जांच सीबीआइ लंबे समय से कर रही है। इससे पूर्व सीबीआइ ने अगस्त 2017 में शामली में अवैध खनन के मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के करीबी विकास वर्मा और अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनके ठिकानों पर छापामारी की थी। तब आरोपितों के ठिकानों से कई अहम दस्तावेज मिले थे, जिनके आधार पर सीबीआइ ने आगे छानबीन की थी।
तब भी खनन विभाग के कई अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका जांच के घेरे में थी। एफआइआर में कई के नाम भी शामिल थे। इस मामले में भी सीबीआइ ने हाईकोर्ट के आदेश पर प्रारंभिक जांच की थी। विकास और अमरेंद्र पूर्व मंत्री गायत्री के खिलाफ दर्ज सामूहिक दुष्कर्म के मुकदमे में भी आरोपित हैं। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।