Mining Scam in UP : चित्रकूट व बांदा में भी जल्द कसेगा शिकंजा, लगातार बढ़ता जा रहा जांच का दायरा
ईडी हमीरपुर के अलावा शामली फतेहपुर कौशाम्बी व देवरिया में हुए खनन घोटाले के मामलों में मनी लांड्रिंग के केस दर्ज कर जांच कर रही है।
लखनऊ, जेएनएन। अखिलेश यादव सरकार में हुए करोड़ों के खनन घोटाले में सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। एक ओर जहां ईडी की पूछताछ में कई खनन ठेकेदारों ने अहम राज उगले हैं। वहीं दूसरी ओर सीबीआइ चित्रकूट के साथ बांदा में भी जल्द अपनी जांच का शिकंजा कस सकती है।
ईडी हमीरपुर के अलावा शामली, फतेहपुर, कौशाम्बी व देवरिया में हुए खनन घोटाले के मामलों में मनी लांड्रिंग के केस दर्ज कर जांच कर रही है। ईडी ने बीते दिनों खनन पट्टे हासिल करने वाले कई ठेकेदारों भी सिलसिलेवार पूछताछ की थी। सूत्रों का कहना है कि ठेकेदारों से पूछताछ में कई अहम तथ्य सामने आये हैं। कई निजी कंपनियों में खनन की काली कमाई के निवेश के साक्ष्य भी मिले हैं, जिनकी सिलसिलेवार पड़ताल की जा रही है।
ईडी आरोपित आइएएस अधिकारियों की संपत्तियों का ब्योरा भी जुटा रही है। दूसरी ओर सीबीआइ जल्द चित्रकूट व बांदा में हुए खनन घोटाले में भी जल्द केस दर्ज कर सकती है। उल्लेखनीय है सीबीआइ ने सहारनपुर खनन घोटाले में केस दर्ज करने के बाद आइएएस अधिकारी अजय कुमार सिंह व पवन कुमार समेत अन्य आरोपितों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। बताया गया कि सीबीआइ अपने स्तर से इन जिलों में भी खनन पट्टों के आवंटन में हुई गड़बड़ी से जुड़ी जानकारियां जुटा रही है। जल्द कई और सफेदपोशों व आइएएस अधिकारियों की भूमिका भी जांच के घेरे में आ सकती है।
खनन घोटाले में सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के अलावा आइएएस अधिकारी बी.चंद्रकला, अभय सिंह, संतोष कुमार राय, विवेक, देवी शरण उपाध्याय, जीवेश नंदन, अजय कुमार सिंह व पवन कुमार के खिलाफ नामजद केस दर्ज किए जा चुके हैं। सहारनपुर में हुए खनन घोटाले के मामले में भी सीबीआइ कुछ निजी कंपनियों की भूमिका की गहनता से जांच कर रही है। इन कंपनियों को बड़े फंड ट्रांसफर किए गए थे।