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CoronaVirus LockDown 4 News: भूखे पेट बच्चों संग ट्रेन से चार दिन में लखनऊ पहुंचे प्रवासी

CoronaVirus LockDown 4 News बीच रास्ते बदल रहा कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का रास्ता। घंटों एक ही स्टेशन पर खड़ी हो रही हैं ट्रेनें।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 12:40 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 12:40 PM (IST)
CoronaVirus LockDown 4 News: भूखे पेट बच्चों संग ट्रेन से चार दिन में लखनऊ पहुंचे प्रवासी
CoronaVirus LockDown 4 News: भूखे पेट बच्चों संग ट्रेन से चार दिन में लखनऊ पहुंचे प्रवासी

लखनऊ [निशांत यादव]। CoronaVirus LockDown 4 News: सोनभद्र के राम दुलारे यादव गोवा के मडगांव से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन से परिवार सहित 20 मई की शाम सात बजे सवार हुए। उनके साथ तीन से पांच साल की उम्र के नौ छोटे बच्चों के साथ 20 लोगों का परिवार था। ट्रेन 21 मई दोपहर तीन बजे मुंबई से सटे कल्याण पहुंची। भुसावल पहुंचने तक एक दिन और लगा। ट्रेन ऐसे स्टेशनों पर तीन से पांच घंटे तक रोकी गई,  जहां पीने को पानी तक नहीं था। चौथे दिन शनिवार को शाम चार बजे यह ट्रेन लखनऊ पहुंची। स्टेशन के बाहर दो घंटे की जिद्दोजहद के बाद खाना तो मिल गया, लेकिन बस न मिलने की चिंता राम दुलारे के परिवार के चेहरे पर साफ दिखी। 

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प्रवासी श्रमिकों को लेकर यूपी आ रही अधिसंख्य ट्रेनें भीषण गर्मी में रास्ते में घंटों खड़ी हो रही हैं। शुक्रवार की सुबह आठ बजे बेंगलुरु से आने वाली श्रमिक स्पेशल चार दिन में शनिवार शाम को आई। लखनऊ उतरकर छोटू, आशीष और रमेश को गोरखपुर जाना था। दोपहर ढाई बजे से उनको चार बसों में बैठाया फिर उतार दिया गया। छोटू बोलते हैं कि हमारे पास कुछ रुपया था लेकिन ट्रेन ऐसे छोटे स्टेशनों पर खड़ी कर दी जाती, जहां इन रुपये का इस्तेमाल नहीं हो सकता था। भूखे पेट की जलन हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही थी। 

झांसी के करीब यूपी की सीमा पर बसे ललितपुर से श्रमिक स्पेशल शुक्रवार रात आठ बजे चली तो लखनऊ तक 384 किलोमीटर की दूरी तय करने में इस ट्रेन को 24 घंटे लग गए। मुंबई से लखनऊ के लिए 21 मई की रात 10 बजे मोहम्मद शोएब परिवार सहित चले। भुसावल होकर ट्रेन इटारसी पहुंची तो 12 की जगह 20 घंटे लग चुके थे। शुक्रवार रात लखनऊ नौ बजे आने वाली उनकी ट्रेन शनिवार रात नौ बजे 48 घंटे में पहुंची। शोएब बताते हैं कि पीने का पानी तो रास्ते में खत्म हो गया। किसी भी यात्री को उतरने तक नहीं दिया गया। 

बदल दिया ट्रेन का रूट

बांद्रा से गुरुवार शाम सात बजे जौनपुर के लिए श्रमिक स्पेशल को रवाना किया गया। यह ट्रेन अहमदाबाद-भोपाल-झांसी के बाद कानपुर होकर लखनऊ आने की जगह ग्वालियर भेज दी गई। ग्वालियर से ट्रेन दिल्ली चली गई। दिल्ली से चली ट्रेन तीसरे दिन शनिवार रात नौ बजे लखनऊ आई तो इसे जौनपुर की जगह गोरखपुर भेज दिया गया। जौनपुर के प्रवासियों को गोरखपुर जाकर वापस 12 घंटे जौनपुर पहुंचने में लगेंगे। 

बिना पंखे और अंधेरे का सफर 

सूरत से गोरखपुर जाने वाली दो श्रमिक स्पेशल चारबाग स्टेशन के प्लेटफॉर्म दो व तीन पर आईं। इस ट्रेन की कई जनरल बोगियों जिनको स्लीपर का दर्जा देकर टिकट जारी किया गया, उनके पंखे बंद और लाइट गायब रही। छोटे बच्चे गर्मी से बिलखते रहे। 

खाना मिला तो हुई लूट

तीन दिन में लखनऊ पहुंची सूरत वाराणसी स्पेशल में खाने के लिए लूट मच गई। भूखे यात्रियों के हाथ जो कुछ भी आया उन्होंने छीन लिया। कुछ के हाथ खाना आया कुछ पटरी के नीचे जा गिरा तो कुछ यात्रियों को वह नसीब ही नहीं हुआ। शनिवार को लखनऊ आईं 42 ट्रेनों में अधिसंख्य की हालत ऐसी ही थी।


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